गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री चुने गए बीजेपी के विजय रुपानी के नाम की घोषणा के साथ ही सूरत में पाटीदार सड़को पर उतर आए हैं. पाटीदारों ने हाथों में विजय रुपानी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के पोस्टर लेकर विरोध किया.
हार्दिक पटेल ने भी खोला मोर्चा
गुजरात में जहां पाटीदारों ने विजय रुपानी के खिलाफ मोर्चा खोला तो वहीं गुजरात से तड़ीपार किए गए हार्दिक पटेल ने गुजरात के बाहर रहते हुए भी राज्य के अगले मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए. साथ ही कहा कि वो पाटीदारों पर लाठी चलाने वाले बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के किसी भी नेता को अपना समर्थन नही देंगे.
विजय रुपानी के लिए आसान नहीं राह
विजय रुपानी के लिए भी मुख्यमंत्री पद का ये ताज कांटो भरा रहेगा, क्योंकि एक ओर जहां पाटीदारों का विरोध है तो वहीं दलित भी बीजेपी के खिलाफ इन दिनों मोर्चा खोले हुए हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने पहले ही गुजरात में अपने उम्मीदवार को खड़ा करने की घोषणा की है.
हार्दिक ने दी आंदोलन चालू रखने की धमकी
ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि पाटीदार जहां विजय रुपानी का खुल कर विरोध कर रहे हैं, वहीं हार्दिक पटेल ने उदयपुर से मीडिया बयान जारी कर कहा कि जो लोकशाही की बात करते हैं, उन्ही के घर में लोकशाही नहीं हो ये ठीक नहीं. हार्दिक ने कहा कि जब तक पाटीदारों को न्याय नहीं मिलता तब तक आरक्षण आंदोलन चालू रहेगा..
ऊना घटना पर दलितों की पैदल यात्रा
वहीं दलितों ने 4 अगस्त से दलित पैदल यात्रा निकाली हैं, जो 15 तारीख को दलित आजादी दिन के तौर पर मना रहे हैं. अहमदाबाद से ऊना तक पैदल यात्रा निकाली गई है. ऊना में दलितों के साथ हुई मारपीट के विरोधी में यहां पर दलित समुदाय के लोग बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर झंडा लहराएंगे.
केजरीवाल भी बढ़ा रहे हैं मुश्किलें
वहीं आम आदमी पार्टी भी बीजेपी के लिए नई मुसीबत बनती जा रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले एक महीने में पहले सोमनाथ दर्शन करने के नाम पर और दोबारा दलित कांड के पीड़ितों से मिलने के लिए गुजरात आ चुके हैं. दिन-ब-दिन केजरीवाल के बढ़ते गुजरात दैरे भी नए मुख्यमंत्री विजय रुपानी के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. आम आदमी पार्टी के केजरीवाल इससे पहले पाटीदारों को अपने पक्ष में लेने के लिए हार्दिक के समर्थन में वीडियो भी जारी कर चुके हैं.