गुजरात के सूरत में जहरीली शराब पीने से 15 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं. वैसे में गुजरात में देश की आजादी के बाद से ही शराब पर पाबंदी है. लेकिन पाबंदी के पीछे गुजरात में सालों से शराब का अवैध कारोबार चलता आ रहा है. ये बात किसी से छुपी नहीं है. लेकिन कार्रवाई सिर्फ फाइलों में दबकर रह जाती है.
सूरत जिले के वरेली गांव जहरीली शराब पीने से 15 लोग दम तोड़ चुके हैं. मरनवालों में एक महिला भी शामिल है. करीब एक लाख की आबादी वाला वरेली गांव में मौत का मंजर देखकर अब प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. जहरीली शराब ने कई जिंदगियां तबाह कर दी है. शांति देवी जो 4 महीने पहले उत्तर प्रदेश के गोंडा से अपने पति संजय चौहान के साथ रोजी-रोटी की तलाश में सूरत के वरेली गांव में आई थी. शांति देवी अपने पति संजय चौहान के साथ यहां एक किराये के मकान में रह रही थी, शांति देवी अपने तीन बच्चों को गांव में ही छोड़कर इसलिए आई थी कि पति की नौकरी कहीं शुरू हो जाएगी तो वो बाद में बच्चों को भी बुला लेंगी. लेकिन शांति देवी की किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, संजय 9 सितंबर की शाम को शराब पीकर घर आया और ऐसा सोया कि दोबारा उठा ही नहीं.
मौत के बढ़ते आंकड़े देखकर गांव वाले दहशत में हैं. वहीं पुलिस खानापूर्ति के लिए अब घर-घर जाकर शराब के खिलाफ तलाशी अभियान चला रही है. वरेली गांव की इस घटना के बाद प्रशासन ने गांव में चारों तरफ फैली गंदगी पर दवा का झिड़काव शुरू कर दिया है ताकि महामारी न फैले और स्वास्थ्य विभाग की टीम को घर-घर भेजकर ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कहीं किसी और घर में कोई बीमार तो नहीं है या कोई नशा तो नहीं करता है.
स्वास्थय विभाग टीम ने किसी भी रोगी के नहीं मिलने की बात कही है तो सूरत के इंचार्ज कलेक्टर और डीडीओ के .राजेश मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं. के. राजेश का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री खुद इस मामले पर नजर रखे हुए हैं और राज्य सरकार की तरफ से वरेली गांव में ही एक हेल्थ कैम्प शुरू किया गया है. मृतकों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर मिथनॉल पॉयजनिंग की बात कही है. वरेली गांव में इस घटना के बाद नेताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक और गुजरात के प्रभारी गुलाब सिंह यादव भी गांव पहुंचे और गुजरात सरकार पर जमकर बरसे.