आखिरकार खाद्य और पेय पदार्थ कंपनी पेप्सिको ने गुजरात के चार आलू किसानों के खिलाफ दायर मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है. पेप्सिको ने किसानों पर आलू की एक खास किस्म उगाने का आरोप लगाया था, जिसे कंपनी ने पेटेंट करा रखा है. वहीं इस मामले में गुजरात के किसान आज सुबह प्रेस को संबोधित करेंगे.
पेप्सिको का बयान
पेप्सिको ने अपने बयान में कहा, ‘किसानों के बड़े हित की रक्षा के लिए, पेप्सिको इंडिया को अपनी पंजीकृत विविधता की रक्षा के लिए न्यायिक सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था. शुरू से ही पेप्सिको ने किसानों को एक मैत्रीपूर्ण समाधान देने की पेशकश की थी. सरकार के साथ चर्चा के बाद कंपनी ने किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की है.’
क्या है मामला
दरअसल, दिग्गज अमेरिकी कंपनी पेप्सिको ने गुजरात के साबरकांठा जिले के चार किसानों पर उसके द्वारा पेटेंट एक खास किस्म के आलू के बीज का इस्तेमाल कर फसल को बाजार में बेचने का आरोप लगाया था. कंपनी ने इस मामले में कमर्शियल कोर्ट के जज एमसी त्यागी के पास याचिका दायर की थी कि इन किसानों ने एफसी-5 टाइप आलू की किस्म का अवैध तरीके से इस्तेमाल किया है. पेप्सिको ने इसी पैटर्न के आलू उगाने को लेकर हर किसान से 1 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी.
पेप्सिको ने चार किसानों पर एफ 2027 या एफसी 5 किस्म के आलू उगाने का मुकदमा दायर किया था, जिसके लिए उन्होंने प्लांट वेरायटी प्रोटेक्शन अधिकारों का दावा किया है. कंपनी ने आलू की विविधता और किसान अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत आलू की किस्म पर पीवीपी अधिकार प्राप्त किया है और किसान बीज विविधता पर अपने अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं.
चिप्स बनाने में होता इस्तेमाल
एफसी 5 ये वही आलू की किस्म है जिसे खासतौर पर पेप्सिको ने पेटेंट करवा रखा था. इस आलू की खास बात ये है कि यह साइज में बड़े होते हैं. इनका इस्तेमाल लेज़ चिप्स बनाने में किया जाता है. पेप्सिको ने याचिका में किसानों पर एक-एक करोड़ रुपये के जुर्माने की मांग की थी.
मामले पर किसानों का ये है कहना
किसानों ने मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि ये बीजे उन्हें एक किसान से दूसरे किसान से होते हुए मिला था. उन्हें पता नहीं था कि इस तरह के आलू को एफसी-5 आलू का किस्म कहा जाता है. इसके बाद किसानों ने पिछली बार कोर्ट में इस सेटलमेंट को लेकर कोर्ट से समय मांगा था.
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)