देश और दुनिया में 831 अक्षरधाम और स्वामीनारायण मंदिर बनाने वाले प्रमुख स्वामी महाराज का 95 साल की उम्र में निधन हो गया. सोमवार को प्रधानमंत्री उनके अंतिम दर्शन को सारंगपुर पहुंचे. इस दौरान स्वामी के पार्थिव शरीर का दर्शन कर पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए. बोलते-बोलते कई बार उनकी आंखें भर आईं.
प्रधानमंत्री मोदी ने जब प्रमुख स्वामी की आरती की उन्होंने भावुक होते हुए कहा, 'आप लोगों ने तो अपने गुरु को खोया है, लेकिन मैंने अपने पिता को खो दिया है.' प्रमुख स्वामी महाराज की तुलना अपने पिता से करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं जब मुख्यमंत्री हुआ करता था तो वह मेरे भाषण मंगवाते थे और सुनते थे. वह मुझे बताते थे कि किन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.'
पीएम ने आगे कहा कि इंसान को अच्छा इंसान बनाने में एक संत की भूमिका क्या होती है, ये उन्हें उनसे मालूम हुआ.
#WATCH: PM Modi gets emotional while paying homage to HH Pramukh Swami Maharaj in Sarangpur (Gujarat)https://t.co/rTxxyvSS01
— ANI (@ANI_news) August 15, 2016
शनिवार शाम को हुआ निधन
बता दें कि प्रमुख स्वामी ने शनिवार शाम को गुजरात के सांरगपुर में अपने देह का त्याग किया. लाखों की तादाद में स्वामी नारायण संप्रदाय के बोचासणवासी अक्षर पुरुषोत्तम संस्थान (बीएपीएस) से जुड़े लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए सारंगपुर आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने एक सच्चे संत और आदर्श संत की तुलना करते हुए कहा, 'उन्होंने एक ऐसी पंरपरा खड़ी की है जो व्यक्ति के आधार पर नहीं है. लेकिन सिस्टम के आधार पर है. यहां संत को शिक्षा और उत्तम जीवन के मूल्यों के साथ जोड़ा जाता है.'
Sarangpur (Gujarat): PM Narendra Modi pays his last respects to HH Pramukh Swami Maharaj. pic.twitter.com/PGODE54Pd5
— ANI (@ANI_news) August 15, 2016
'...तब पहला फोन प्रमुख स्वामी का आया'
प्रधानमंत्री ने अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कई अनुभव भी साझा किए. उन्होंने कहा कि यह 15 अगस्त का पवित्र दिन है, लेकिन 26 जनवरी को जब हम कश्मीर के लाल किले पर झंडा लहराने गए थे, तब हमने बहुत तनाव में झंडा लहराया था. जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचे पहला फोन प्रमुख स्वामी का आया और दूसरा मेरी मां का. पीएम ने आखिर में कहा, 'प्रमुख स्वामी के जाने बाद उनकी कमी हो गई है. लेकिन एक खाली कमरे में जैसे हवा होती है, वैसे ही प्रमुख स्वामी का स्थान हमारी जिंदगी में रहेगा.'