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देश की पहली सी-प्लेन सेवा को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी, केवड़िया से साबरमती तक भरी उड़ान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर साबरमती तट पर सी-प्लेन का उद्घाटन किया. यह सेवा रोजाना सैलानियों के लिए अहमदाबाद से केवड़िया और केवड़िया से अहमदाबाद के बीच उपलब्ध होगी.

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केवड़िया-साबरमती रिवरफ्रंट सी-प्लेन सेवा शुरू (फोटो-ANI)
केवड़िया-साबरमती रिवरफ्रंट सी-प्लेन सेवा शुरू (फोटो-ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केवड़िया-साबरमती रिवरफ्रंट सी-प्लेन सेवा शुरू
  • प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को किया उद्धाटन
  • केवड़िया-अहमदाबाद के बीच सेवा उपलब्ध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर केवड़िया-साबरमती रिवरफ्रंट सी-प्लेन सेवा का उद्घाटन किया. यह सेवा रोजाना सैलानियों के लिए अहमदाबाद से केवड़िया और केवड़िया से अहमदाबाद के बीच उपलब्ध होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सी-प्लेन के जरिये केवड़िया से अहमदाबाद तक का सफर किया. 

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इससे पहले पीएम मोदी ने केवड़िया में एकता क्रूज का उद्घाटन किया. इसके बाद में उन्होंने इस क्रूज पर सफर किया. प्रधानमंत्री ने इस क्रूज से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक यात्रा की.

साबरमती रिवरफ्रंट से केवड़िया में मौजूद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक ये सी प्लेन सेवा शुरू हुई. इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन सी प्लेन की यात्रा करते नजर आए थे. तब प्रधानमंत्री ने साबरमती नदी से मेहसाणा जिले के धरोई बांध तक सी प्लेन का सफर किया था. काफी लोग इस बात के गवाह बने थे, लेकिन अब यही अनूठा सी प्लेन गुजरात में आम होगा.

 

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सी-प्लेन प्रोजेक्ट की गिनती होती है. अब इसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जोड़ दिया गया है. ये सी-प्लेन बीते दिन ही मालदीव से कोच्चि पहुंचा था.इसकी शुरुआती सर्विस केवड़िया से अहमदाबाद के बीच में हुई है. पिछले कुछ दिनों से अहमदाबाद और केवड़िया में सी-प्लेन के लिए जेटी बनाने का काम जारी था और अन्य सभी तैयारियां की जा रही थीं.

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अफसरों को किया संबोधित

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सर्विस के प्रोबेशनरी अफसरों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश जिस मोड में काम कर रहा है, उसमें आप सभी ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस की ही है. ये सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के जीवन में आपका दखल कैसे कम हो, सामान्य मानवी का सशक्तिकरण कैसे हो. प्रधानमंत्री ने सलाह देते हुए कहा कि रूल और रोल का संतुलन जरूरी है और दिमाग में बाबू कभी मत आने दीजिए. सरकार शीर्ष से नहीं चलती है. नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है.
 


 

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