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आज वडनगर सज रहा था. गुजराती लोक गीत गाए जा रहे थे. चारों ओर खुशी का माहौल था. प्रह्लाद मोदी के आवास और हाटकेश्वर महादेव मंदिर पर खास तैयारियां की जा रही थीं. मौका था पीएम मोदी की मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन का. प्रह्लाद मोदी पीएम मोदी के भाई हैं, जहां हीराबा रहती हैं, और हाटकेश्वर मंदिर वही स्थान है जहां हीराबेन अक्सर जाया करती थीं. मां हीराबा के जन्मदिन के अवसर पर पीएम मोदी भी आज गुजरात में थे. उन्होंने मां से मुलाकात की, साथ ही विशेष पूजा-अर्चना की. वहीं उनके भाई प्रह्लाद मोदी ने इंडिया टुडे-आजतक से बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज पूरी दुनिया कहती है कि पीएम मोदी दिन में 18 घंटे काम करते हैं. लेकिन उन्हें इसकी प्रेरणा मां हीराबा से मिली है.
हीराबेन ने अपने जीवन के 100 साल पूरे कर लिए हैं, इतने लंबे समय तक जीने का राज उनके द्वारा किया गया संघर्ष है. हीराबा का जन्म पालनपुर में हुआ था, शादी के बाद वह वडनगर शिफ्ट हो गईं. प्रह्लाद मोदी ने बताया कि मेरी मां की उम्र महज 15-16 साल थी, जब उनकी शादी हुई थी. उसकी आर्थिक स्थिति और पारिवारिक मुद्दों के कारण उन्हें कभी पढ़ने का मौका नहीं मिला. मेरी मां अनपढ़ थीं, लेकिन वह चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़-लिखकर शिक्षित बनें. परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि हमारे पास फीस देने के लिए भी पैसे नहीं थे, लेकिन मां ने कभी पैसे उधार नहीं लिए और यह सुनिश्चित किया कि कोई न कोई काम करके बच्चों की पढ़ाई की फीस भरी जाएगी.
कई देसी नुस्खे जानती हैं हीराबेन
प्रह्लाद मोदी ने बताया कि मां हीराबा सभी घरेलू उपचार जानती थीं. वडनगर में वह छोटे बच्चों और महिलाओं का इलाज करती थीं. उन दिनों महिलाएं अपनी परेशानी के बारे में बाहर नहीं बता पाती थीं, लिहाजा वह हीराबा से अपना इलाज कराती थीं. प्रह्लाद मोदी ने कहा कि मेरी मां कई देसी नुस्खे जानती थीं, भले ही मां अनपढ़ थीं लेकिन हमारा गांव उन्हें डॉक्टर के नाम से पुकारता था.
मां का दिन कड़े संघर्ष में बीतता था
प्रह्लाद मोदी ने कहा कि मां दिन में 2 बार कुएं से पानी खींचकर लाती थीं, वह रोजाना तालाब में कपड़े धोने जाती थीं. रोजाना कई सीढ़ियां चढ़ती थीं. उन्होंने कभी भी बाहर कुछ नहीं खाया. लेकिन मां हीराबा को आइसक्रीम काफी पसंद है. वह इसके लिए कभी मना नहीं करतीं. वह आज भी बहुत आइसक्रीम खाती हैं. हीराबेन के बारे में उनकी सहेली ने बताया कि वह हमेशा अपने काम में व्यस्त रहती थीं. उनकी दिनचर्या सिर्फ काम और उनका परिवार था.
ऐसी थी परिवार की आर्थिक स्थिति
प्रह्लाद मोदी ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि सप्ताह में 5 दिन सिर्फ बाजरे की रोटी और कढ़ी बनती थी, क्योंकि अन्य चीजों के लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने बताया कि हमारे पास उस दौर में सब्जी खरीदने के पैसे नहीं होते थे. सिर्फ बाजरे की रोटी और कढ़ी ही बनती थी.
फीस भरने के लिए भी नहीं होते थे पैसे
पीएम मोदी ने वडनगर के प्राथमिक विद्यालय से सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी. उनके पास स्कूल की फीस भरने के लिए भी पैसे नहीं थे. उनके पास एक ही स्कूल ड्रेस थी और जब भी ड्रेस फट जाती थी, तो मां हीराबा उस जगह को दूसरा कपड़ा लगाकर सिल देती थीं.
भावुक प्रह्लाद बोले- माता-पिता ने बहुत मेहनत की
प्रह्लाद मोदी बातचीत के दौरान भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि पापा ने बहुत मेहनत की है. वडनगर रेलवे स्टेशन पर सुबह और देर रात दो ट्रेनें आती थीं. मां सारा दिन काम करती थीं. उन्होंने कहा कि आज दुनिया कहती है कि पीएम मोदी दिन में 18 घंटे काम करते हैं. उन्हें इसकी प्रेरणा मां हीराबा से मिली है. प्रह्लाद बताते हैं कि मां हीराबा हमेशा से ही बहुत धार्मिक थीं. वह कहती थीं कि हमें खुद को देश के लिए समर्पित कर देना चाहिए.
शिवरात्रि पर मंदिर आती थीं हीराबा
हाटकेश्वर महादेव मंदिर के महाराज षष्ठी निरंजनसिंह रावल याद करते हैं कि शिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान हीराबा मंदिर जरूर आती थीं. वह पूजा करतीं और मुझे आशीर्वाद भी देती थीं. उन्होंने कहा कि हर पुरुष की सफलता के पीछे महिला होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन में वो महिला उनकी मां हीराबेन हैं. उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया, कड़ी मेहनत की, बच्चों को ऐसी शिक्षा दी, जिसने उनके बेटे नरेंद्र मोदी को दुनिया का महान नेता बना दिया.
पीएम मोदी की मां को समर्पित की जाने वाली सड़क का नामकरण स्थगित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन के मौके पर तय किया गया था कि गांधीनगर की सड़क का नाम पीएम मोदी की मां के नाम पर रखा जाएगा. लेकिन अब सड़क का नामकरण स्थगित कर दिया गया है. गांधीनगर के मेयर हितेश मकवाना ने घोषणा की थी कि गांधीनगर के रायसन इलाके में 80 मीटर सड़क का नाम 'पूज्य हीरा मार्ग' रखा जाएगा, क्योंकि पीएम मोदी की मां हीराबेन 100वां साल पूरे कर रही हैं. लेकिन इंडिया टुडे-आजतक को जानकारी मिली है कि पीएम मोदी की मां हीराबेन के नाम पर सड़क का नामकरण अब टाल दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह का नामकरण कभी नहीं होगा. शीर्ष सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी के परिवार ने कभी भी पीएम के नाम का इस्तेमाल नहीं किया. पीएम मोदी का परिवार किसी भी तरह की राजनीति से हमेशा दूर रहता है. गांधीनगर के मेयर हितेश मकवाना ने कहा कि नामकरण को फिलहाल टाल दिया गया है. अभी सड़क का नाम रखने की कोई नीति नहीं है. यह कब होगा, फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता.