गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने गुजरात कांग्रेस की सत्य शोधक समिति की घोषणा की. समिति में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया को छोड़कर सभी सांसद और विधायक को स्थान मिलने पर कांग्रेस के प्रवक्ता और संगठन में सालों से काम करने वाले जयराजसिंह परमार नाराज हो गए.
जयराजसिंह परमार ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद और विधायक केंद्रीत पार्टी रही है. कांग्रेस में उसके संगठन के लोगों का कोई स्थान नहीं होता, फिर संगठन का महत्व कहां से बढ़ेगा?
जयराजसिंह परमार के इस ट्वीट के बाद उसी पर कांग्रेस के दूसरे नेता मनहर पटेल ने भी री-ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि ऐसा न हो कि सही वक्त पर कांग्रेस के योद्धा अपने घर बैठ जाएं. मनहर पटेल की इस ट्वीट के बाद गुजरात कांग्रेस में राजनीति गरमा गयी. एक और जहां गुजरात में राज्य कांग्रेस को 2022 के चुनाव से पहले और मजबूत करने की कवायद चल रही है. वैसे में कांग्रेस के ही पुराने साथी इस तरह से नाराज होंगे तो 2022 के चुनाव में कैसे कांग्रेस जीत हासिल कर पाएगी?
કોંગ્રેસ પક્ષ હંમેશા સંસદસભ્યો અને ધારાસભ્યો કેન્દ્રીત પક્ષ રહ્યો છે..
— Jayrajsinh Parmar (@JayrajKuvar) January 27, 2022
કોંગ્રેસ પક્ષમાં સંગઠનના લોકોને ક્યાંય સ્થાન હોતું જ નથી પછી સંગઠનનું મહત્વ ક્યાંથી વધે ????
उधर, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने इस पूरे मामले में बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन इतना तो साफ है कि कांग्रेस को जहां भाजपा से दो-दो हाथ करना है, वहीं पार्टी को अंदरूनी राजनीति से भी बाहर निकालना है. पहले कांग्रेस ने खुद के घर की अंदर की आग को शांत करना होगा, जिसके बाद वो बीजेपी से 2022 में चुनावी टक्कर दे पाएगी.
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