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राष्ट्रपति चुनाव: गुजरात में क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस को सताने लगी राज्यसभा सीट की फिक्र

सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला लंबे वक्त से पार्टी से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वाघेला ने अपनी शक्ति दिखाने के लिए अपने समर्थक विधायकों से क्रॉस वोटिंग करवाई है.

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क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस के लिए खींची चिंता की लकीरें
क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस के लिए खींची चिंता की लकीरें

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राष्ट्रपति चुनाव के जब नतीजे आए तो गुजरात कांग्रेस के पैरों तले जमीन खिसक गई. राज्य में कांग्रेस के 8 से ज्यादा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी मीरा कुमार को नहीं बल्कि बीजेपी प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को वोट दिया.

आंकडों को देखें तो यहां बीजेपी के पास 121 विधायक, जबकि कांग्रेस के 57 विधायक हैं. लेकिन आज जब राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आए तो उसमें कोविंद को गुजरात से 132 विधायकों के 19,404 वोट मिले, वहीं मीरा कुमार को 49 विधायकों के 7,203 वोट मिले.

यहां एनसीपी के पास भी दो विधायक हैं, लेकिन पार्टी नेता जयंत बोस्की का कहना है कि उसके दोनों ही विधायकों ने मीरा कुमार को वोट दिया है. ऐसे में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग की बात काफी हद तक साफ हो जाती है.

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सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला लंबे वक्त से पार्टी से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वाघेला ने अपनी शक्ति दिखाने के लिए अपने समर्थक विधायकों से क्रॉस वोटिंग करवाई है.

हालांकि वाघेला इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने अपना वोट कांग्रेस प्रत्याशी मीरा कुमार को ही दिया है. अगर क्रॉस वोटिंग हुई हैं, तो उसकी जांच की जाएगी.

राष्ट्रपति चुनाव तो बीत गए और उसमें इस क्रॉस वोटिंग का ज्यादा असर भी नहीं पड़ने वाला था. हालांकि राज्य में हुई इस क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस के लिए चिंता की लकीरें जरूर खींच दी है और दांव पर लगा है राज्यसभा सीट. दरअसल 8 अगस्त को गुजरात में राज्यसभा के लिए वोट पड़ने है. ऐसे में अगर तब भी विधायकों का यहीं रुख रहा तो, कांग्रेस के लिए राज्यसभा की एक सीट पर भी खतरा पैदा हो सकता है.

 

 

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