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PMJAY के नाम पर प्राइवेट हॉस्पिटल ने लगाया सरकार को चूना, अब देना होगा 6.54 करोड़ का जुर्माना

राजकोट में PMJAY के तहत फर्जी बिल बनाकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में आरोग्य विभाग ने एक निजी हॉस्पिटल पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है. आरोग्य विभाग का कहना है कि बेबी केयर हॉस्पिटल ने PMJAY योजना के तहत अलग-अलग तरीकों फर्जी रिपोर्ट्स और बिल भेजकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने की कोशिश की थी.

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PMJAY के नाम पर निजी हॉस्पिटल ने सरकार को लगाया चूना. (फाइल फोटो)
PMJAY के नाम पर निजी हॉस्पिटल ने सरकार को लगाया चूना. (फाइल फोटो)

गुजरात के राजकोट आयुष्मान योजना के तहत फर्जी बिल बनाकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में आरोग्य विभाग ने एक निजी हॉस्पिटल पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है. आरोग्य विभाग का कहना है कि बेबी केयर हॉस्पिटल ने PMJAY योजना के तहत अलग-अलग तरीकों फर्जी रिपोर्ट्स और बिल भेजकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने की कोशिश की थी.

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इस संबंध में अधिकारी ने बताया कि राजकोट स्थित निहित बेबी केयर हॉस्पिटल द्वारा आयुष्मान योजना के तहत फर्जी बिल बनाकर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया था. मामला सामने आने के बाद अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे PMJAY योजना से सस्पेंड कर दिया है और 6 करोड़ 54 लाख 79 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है.

फर्जीवाड़े के 116 केस पकड़े

निहित बेबी केयर हॉस्पिटल ने PMJAY योजना के तहत दवाओं के लिए जरुरी रिपोर्ट्स में गलत तरीके से मॉडिफिकेशन करके 116 केस प्री-ओथ अप्रूवल के लिए रखे थे. हॉस्पिटल ने 116 केस प्री-ओथ अप्रूवल के लिए रखकर 65 लाख 47 हजार 950 रुपये का बिल बना रखा था. गुजरात के आरोग्य विभाग ने Up coding/ Unbundling/ Unnecessary Procedures के तहत निहित हॉस्पिटल के फर्जीवाड़े को पकड़कर 116 केस रिजेक्ट कर प्री- ओथ अप्रूव्ड रकम 65 लाख 47 हजार 950 रुपये पर 10 गुना पेनल्टी लगाकर 6 करोड 54 लाख 79 हजार 500 रुपये रिकवरी मॉड्यूल से रिकवर करेगा. अगर इनमें से किसी क्लेम का पेमेंट हुआ होगा तो वह भी SHA को वापस लौटाना होगा.

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हॉस्पिटल पर लगाई 10 गुना पेनल्टी

बता दें कि PMJAY योजना के तहत गुजरात में लाभार्थियों को 10 लाख रुपये का सुरक्षा कवच मिलता है. इसी बात का फायदा उठाकर राजकोट के निहित बेबी केयर हॉस्पिटल ने PMJAY योजना के तहत अलग-अलग तरीकों फर्जी रिपोर्ट्स और बिल भेजकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने की कोशिश की थी. जिन बच्चों को एडमिट करने की जरूरत नहीं थी. उन्हें भी एडमिट करके आयुष्मान योजना के तहत इलाज दिखाकर बिल बनाया जाता था. इससे पहले भी गुजरात के आरोग्य विभाग ने राजकोट की निहित हॉस्पिटल को ऐसी ही एक और धांधली के मामले में 7 लाख 56 हजार 600 रुपये की पेनल्टी लगाई थी.

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