जानलेवा बन चुके ब्लू व्हेल गेम के बाद अब इंटरनेट पर लोकप्रिय हो चुके पबजी (PUBG)गेम पर गुजरात सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही राज्य के शिक्षा विभाग ने बुधवार को अध्यापकों को निर्देश जारी किए जो भी बच्चे स्कूल में पबजी या कोई अन्य लत वाले गेम खेलते हैं, उन्हें जल्द से जल्द इनके नुकसान के बारे में बताकर उनसे इस गेम की आदत को छुड़ाया जाए. पिछले कुछ दिनों पबजी गेम भारत में लोकप्रिय हुआ है.
8वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाला पूरब पटेल (बदला नाम) स्कूल से आने के साथ ही मोबाइल पर अपने दोस्तों के साथ ऑनलाइन पबजी गेम खेलने में बिजी हो जाता है. पूरब पटेल का कहना है कि पबजी गेम की लत उसे ऐसी लगी है कि जिस वक्त वह गेम नहीं खेलता है, उस समय भी उसके दिमाग में गेम चलता रहता है. ऐसा सिर्फ पूरब के साथ ही नहीं है बल्कि राज्य में ऐसे छात्रों की संख्या काफी है जो इस गेम की चपेट में आ गए हैं. गेम के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन भी बढ़ता जा रहा है.
गेम के कारण बच्चों के बर्ताव में आ रहे बदलाव को देखते हुए गुजरात सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारियों को सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि प्लेयर्स अननोन्स बेटल ग्राउंड यानी पबजी पर बैन लगाया जाए. सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि पबजी गेम को लेकर बच्चों में बढ़ रहे क्रेज से जल्द से जल्द छुड़वाने के लिए उनकी काउंसीलिंग भी कराई जाए.
राज्य बाल आयोग से शिकायत मिलने के बाग सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया, जिसमें शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में सर्कुलर लागू करने के लिए कहा है. बाल विभाग की अध्यक्षा जागृति पंड्या का कहना है कि बच्चों में इन दिनों पबजी गेम का क्रेज काफी देखने मिल रहा है. हमारे पास इस संबंध में कई शिकायतें भी आ रही हैं कि बच्चों को इस आदत से छुड़कारा दिलाया जाए.
मोबाइल पर खेले जाने वाला पबजी गेम इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो गया है. इसके चलते बच्चे पढ़ाई भी कम कर रहे हैं. ब्लू व्हेल गेम में जिस तरह बच्चों और युवाओं पर जान का खतरा रहता था वैसे ही पबजी गेम में बच्चों पर मानसिक तनाव बढ़ने और हिंसक होने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है.