गुजरात विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं. यही वजह है कि सूबे का सियासी तापमान इन दिनों काफी गर्म है. बीजेपी और कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी तक ने राज्य के चुनावी समर में जोर आजमाइश शुरू कर दी है. इसी के मद्देनजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को अहमदाबाद से चुनावी आगाज कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि राहुल की ये यात्रा सूबे में 22 साल से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस के लिए क्या कोई उम्मीद जगा पाएगी?
दरअसल पिछले 19 साल से बीजेपी लगातार गुजरात की सत्ता पर असीन है. नरेंद्र मोदी के 2014 में गुजरात से दिल्ली की सत्ता के सिंहासन पर बैठते ही सूबे पर बीजेपी की पकड़ कमजोर होने लगी. परिणाम ये हुआ कि गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन और दलित उत्पीड़न के कई मामले सामने आए और कांग्रेस को अपनी सियायी जमीन तैयार करने की उम्मीद जगी. कांग्रेस इस बहाने अपने 22 साल के सत्ता के वनवास को खत्म करने का ख्वाब संजोए बैठी है.
वाघेला की भरपाई कैसे होगी
पिछले दिनों राज्यसभा के चुनाव के दौरान कई कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी से बगावत करके बीजेपी का दामन लिया. इतना ही नहीं सूबे में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे शंकर सिंह वाघेला ने भी पार्टी छोड़ दी है. वाघेला ने खुलेतौर पर बीजेपी ज्वाइन नहीं की, लेकिन बीजेपी के मददगार जरूर बन गए हैं. इससे कांग्रेसी की वापसी की उम्मीदों पर कहीं न कहीं पानी फिरा है.
कांग्रेस-बीजेपी के टारगेट
राज्य की 182 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने मिशन 125 का टारेगट फिक्स किया है तो बीजेपी ने मिशन 150 का टारगेट निर्धारित किया है. कांग्रेस की वापसी के लिए राहुल गांधी सोमवार को चुनावी आगाज कर रहे हैं. राहुल गांधी अहमदाबाद में अलग-अलग एनजीओ, बिजनेसमैन, छात्र संगठनों के साथ मिलकर संवाद करेंगे. इसी संवाद के जरिए राहुल गुजरात में अपनी सियासी जमीन वापस पाना चाहते हैं.
राहुल करेंगे संवाद
गुजरात में राहुल गांधी का संवाद कार्यक्रम पहली बार हो रहा है. इस दौरान राहुल लोगों के सवालों का जवाब देंगे. यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भी राहुल ऐसे संवाद कार्यक्रम कर चुके हैं. वहीं समस्याओं पर बात करने के लिए राहुल ने वहां 'खाट सभा' आयोजित की थी. हालांकि राहुल गांधी की यह खाट सभा विवादित रही थी और चुनाव नतीजे देखें तो इसका कोई खास असर नहीं हुआ.
125 प्लस टारगेट
कांग्रेस ने इस बार चुनाव में 125+ सीट का टारगेट रखा है. अहमद पटेल के लिए राज्यसभा में मिली एक सीट पर जीत से कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है. चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव से पहले 8 बार गुजरात जाएंगे. 22 सितम्बर को राहुल गांधी देवभूमि द्वारका से यात्रा की शुरुआत करेंगे. वहीं दो-दो दिन के चार अलग अलग पार्टी कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे. इन बैठकों में बीजेपी से नाराज चल रहे पाटीदार, ओबीसी और दलित समाज को जोड़ने पर चर्चा की जाएगी.
15 साल बाद बिन मोदी के बीजेपी
दरअसल गुजरात में15 साल के बाद ऐसा मौका होगा कि सीएम का चेहरा नरेंद्र मोदी नहीं होंगे. बावजूद इसके बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. 'अडीखम गुजरात' अविरत विकास में अडीखम विश्वास के नारे के साथ 10 सितम्बर को बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह गुजरात चुनाव के लिए युवा टाउन हॉल प्रोग्राम करेंगे.
बीजेपी 150+ का टारगेट
अमित शाह एक लाख से ज्यादा युवाओं से बातचीत कर गुजरात प्रचार की शुरुआत करेंगे. अडीखम का मतलब होता है, बिना झुके आगे बढ़ते जाना. बीजेपी ने अपने युवा टाउन हॉल कार्यक्रम के लिए यह नारा दिया है, हालांकि बीजेपी के गुजरात के अध्यक्ष जीतु वाधानी का कहना है कि आगे के चुनाव प्रचार के लिए अलग नारों की घोषणा होगी. युवा टाउन हॉल में अमित शाह एक राज्य, 100 जगह और 1 लाख युवाओं को संबोधित करेंगे.