राहुल जब छोटा था तब मां की डांट से नाराज होकर वह घर से निकल गया था. राहुल को अपने घर का पता मालूम नहीं था. कई संस्थाओं ने गुहार लगाई, लेकिन उसके माता-पिता की कोई खबर नहीं लगी. आखिर में परिवार के प्यार से दूर राहुल को अनाथ आश्रम भेज दिया गया. लेकिन राहुल की किस्मत ने एक बार फिर करवट ली है. जामनगर के रईस बिजनेसमैन मावजीभाई कटेशिया ने राहुल को गोद लिया है.
मावजीभाई कटेशिया 15 जून को राहुल को अपनी जायदाद का वारिस घोषित करने वाले हैं. मावजीभाई की कुल संपत्ति करीब 5 करोड़ रुपये है. राहुल अभी 18 साल का है और आईटीआई से वायरमैन का कोर्स कर रहा है.
राहुल कहता है, 'मैं जब तीसरी कक्षा में पढ़ता था तब यहां आया. फिलहाल वायरमैन का कोर्स कर रहा हूं. होम फॉर बोयस संस्था ने मुझे अच्छी तरह रखा. कभी किसी चीज की जरूरत महसूस नहीं होने दी. जब कुछ गलत करता था तो सजा भी मिलती थी. मुझे खुशी है कि मुझे मावजीभाई जैसे पिता और रमाबेन जेसी मां मिल गई हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि इनका अच्छे से खयाल रख पाउंगा और इनके साथ अच्छे से रहूंगा.'