गुजरात के राजकोट में वक्फ बोर्ड की कार्रवाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पुराने राजकोट के दानपीठ इलाके में नवाब मस्जिद के परिसर में स्थित तीन दुकानों को मस्जिद के लोगों ने जबरन ताला तोड़कर खाली करा दिया. दुकानों का सामान बाहर फेंकने और इस गैरकानूनी कार्रवाई से माहौल गरमा गया है.
बताया जा रहाहै कि ये तीन दुकानें पिछले 60 साल से अलग-अलग हिंदू परिवारों के पास किराए पर थीं. दुकानदारों का कहना है कि वक्फ बोर्ड की तरफ से कानूनी प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें नोटिस देना और बातचीत करना शामिल था. इसके बावजूद मस्जिद प्रबंधन ने ताला तोड़कर सामान बाहर निकाल दिया.
दुकनों का ताला तोड़कर खाली कराया
दुकानदार उपेन कोटेचा ने बताया कि हम अहमदाबाद में थे, तभी हमें सूचना मिली कि हमारी दुकानें जबरन खाली करा दी गई हैं. हमने कई बार किराया देने की पेशकश की थी, लेकिन कोई लेने नहीं आया. अब हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की उम्मीद है.
मस्जिद के प्रबंधक फारूक मसानी ने दावा किया कि गुजरात वक्फ बोर्ड के आदेश पर हमने यह कार्रवाई की. दुकानें कई सालों से बंद और जर्जर थीं, जिससे मस्जिद को नुकसान हो रहा था. हमने आदेश का पालन किया है.
पीड़ितों ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई शिकायत
इस मामले में राजकोट के ए-डिवीजन पुलिस स्टेशन में फारूक मसानी समेत पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. पुलिस उपायुक्त जगदीश बंगारवा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
वहीं, भाजपा विधायक डॉ. दर्शिता शाह ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर गैरकानूनी कार्रवाई पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ने कानूनी प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसका उल्लंघन हुआ है.
(रिपोर्ट- रौनक मजीठिया)