राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस में लगातार भगदड़ मची हुई है. अब कांग्रेस विधायक रामसिंह परमार ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. हाल फिलहाल इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 6 हो गई है. बता दें कि रामसिंह परमार कायरा जिला को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर यूनियन लिमेटेड (अमूल डेरी) के चेयरमैन हैं.
कौन हैं रामसिंह परमार?
रामसिंह परमार लगातार 7 बार से ठसरा विधानसभा से विधायक थे. वे 1978 में पहली बार अमूल डेरी के बोर्ड में चुने गए थे. जिसके बाद से ही वे बोर्ड के मेंमर रहे हैं. 1990 में पहली बार चेयरमैन बने और 1996 तक चेयरमैन के पद पर रहे. रामसिंह 2002 में दोबारा अमूल डेरी के चेयरमैन चुने गए, जिसके बाद से अभी तक चेयरमैन हैं. गौरतलब है कि कायरा जिला को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर यूनियन लिमेटेड (अमूल डेरी) अमूल की सबसे बड़ी डेरी में से एक है, इसका सालाना टर्नओवर 4000 करोड़ रुपए से अधिक रहता है.
कांग्रेस को झटका क्यों?
गुजरात में मिल्क को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ी समितियों का राजनीति में बड़ा बोलबाला है. परमार को-ऑपरेटिव सोसाइटी में कांग्रेस का चेहरा थे.
गुजरात के विधानसभा में कुल 182 सीट हैं, जिसमें से 121 बीजेपी और निर्दलीय विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 57 विधायक थे. एनसीपी के 2, जेडीयू और जीपीपी का एक-एक विधायक हैं. इस स्थिति में राज्यसभा की एक सीट के लिए कम से कम 46 वोट चाहिए होते हैं. लेकिन अब स्थिति बदली है, क्योंकि 6 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं तो कुल संख्या 176 हो गई है. इसलिए जीतने के लिए सिर्फ 45 वोट ही चाहिए.
गुरुवार को शामिल हुए थे 3 विधायक
कांग्रेस के तीनों विधायकों ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष रमनलाल वोरा को इस्तीफा सौंप दिया. पहले दो इस्तीफे एक साथ हुए जिसमें बलवंत सिंह राजपूत और तेजश्री पटेल के नाम थे. इसके बाद गुरुवार शाम करीब पांच बजे गुजरात कांग्रेस के विधायक पीआई पटेल ने भी इस्तीफा दे दिया.