नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे आंदोलन और दिल्ली में हुई हिंसा के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में थे. नर्मदा के केवड़िया में एकता का पैगाम देने वाली विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से रविशंकर ने सीएए, एनआरसी का विरोध कर रहे लोगों पर जमकर हमला बोला.
इंडियाज फाउंडेशन की ओर से आयोजित कॉन्क्लेव में बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन दिनों कुछ लोग कह रहे हैं कि वे कागज नहीं दिखाएंगे. ऐसा वे लोग कह रहे, जो रामलला के जन्म स्थान का सबूत मांगते थे. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया हजारों साल से यह जानती और मानती है कि रामलला का जन्म अयोध्या में हुआ था. केंद्रीय मंत्री ने इसे दोहरा चरित्र बताते हुए कहा कि यह पाखंड और बौद्धिक बेइमानी है.
कानून मंत्री रविशंकर कांग्रेस और वाम दलों पर भी बरसे
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कानून मंत्री रविशंकर ने वामदलों के साथ ही कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अपने उदारवादी वामपंथी मित्रों से कहना चाहता हूं कि हमें हराओ और अपनी सरकार बनाओ. रविशंकर ने कहा कि आप हमें धर्मनिरपेक्षता, समावेश और मानवाधिकारों की शिक्षा नहीं दें. उन्होंने सवाल किया कि क्या आपने कभी आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा के पीड़ितों के मानवधिकारों को लेकर बात की है? कभी नहीं.
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रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि वे आज राजधर्म की बात करते हैं. गौरतलब है कि सीएए लागू होने के बाद पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों की ओर से यह कहा जा रहा है कि वे कागज नहीं दिखाएंगे. विरोध-प्रदर्शनों के बीच स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के इस बयान को सरकार के पीछे नहीं हटने के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.