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गुजरात: सुबह मंत्री ने किया अस्पताल का दौरा, दोपहर में न मेडिकल स्टाफ दिखा न मरीज!

गांधीनगर के रांचरडा गांव में राजस्व मंत्री कौशिक पटेल पहुंचे. जब मंत्री यहां पहुंचे तो मेडिकल स्टाफ भी था और कोरोना मरीज भी. खूब फोटो भी खींचे गए. मंत्री के समय यहां बाकायदा तीन कोरोना मरीज भी भर्ती थे, लेकिन आज दोपहर जब आजतक की टीम यहां पहुंची तो ना तो यहां मेडिकल स्टाफ मिला और ना हीं यहां पर कोई मरीज भर्ती मिला.

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अस्पताल में दौरे पर पहुंचे राजस्व मंत्री कौशिक पटेल, दूसरी तस्वीर में खाली कोविड वार्ड
अस्पताल में दौरे पर पहुंचे राजस्व मंत्री कौशिक पटेल, दूसरी तस्वीर में खाली कोविड वार्ड
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव' नाम से चल रही है योजना
  • मंत्री ने किया था एक गांव में अस्पताल का दौरा
  • लेकिन जांच करने पर न मरीज मिले न मेडिकल स्टाफ

विश्व के कई देश आज कोरोना से जीतते नजर आ रहे हैं, मास्क फ्री हो रहे हैं. लेकिन भारत एक जीती हुई लड़ाई भी अपने हाथ से गंवा चुका है, इसके पीछे केवल जनता का लापरवाह व्यवहार नहीं है, बल्कि सरकार भी इसके लिए बराबर जिम्मेदार हैं. एक तरफ गुजरात में कोरोना अब गांव-गांव पहुंचता जा रहा है, दूसरी तरफ गुजरात सरकार भी उससे लड़ने का दावा भर रही है. लेकिन इसकी सच्चाई देखने पर पता चलता है कि सब कुछ महज प्रचार तंत्र पर निर्भर है.

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गुजरात सरकार द्वारा गांवों में कोरोना रोकने के लिए 'मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव' नाम से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिस की मॉनिटरिंग कोई और नहीं बल्कि स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी कर रहे हैं. आज उसी अभियान के तहत गांधीनगर के रांचरडा गांव में राजस्व मंत्री कौशिक पटेल पहुंचे.

जब मंत्री यहां पहुंचे तो मेडिकल स्टाफ भी था और कोरोना मरीज भी. खूब फोटो भी खींचे गए. और दावा भी किया गया कि सरकार कोरोना को लेकर गंभीर है. मंत्री के समय यहां बाकायदा तीन कोरोना मरीज भी भर्ती थे, जिनका इलाज चल रहा था लेकिन आज दोपहर जब आजतक की टीम यहां पहुंची तो ना तो यहां मेडिकल स्टाफ मिला और ना हीं यहां पर कोई मरीज भर्ती मिला.

राजस्व मंत्री कौशिक पटेल अस्पताल से जुड़े लोगों से बात करते हुए
राजस्व मंत्री कौशिक पटेल अस्पताल से जुड़े लोगों से बात करते हुए

मंत्री के जाने के बाद मेडिकल स्टाफ भी यहां से चला गया और मरीज भी. सवाल यही है कि क्या सरकार गांव में कोरोना को रोकने के नाम पर जनता के साथ मजाक कर रही है?

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आजतक की टीम ने यहां जांच की तो ना तो यहां थर्मामीटर मिला, ना ऑक्सीमीटर, न कोई ऑक्सीजन सिलेंडर. फिर ये कैसी प्रचारबाजी है कोरोना के नाम पर, क्या ऐसे कोविड जैसी बीमारी को खत्म किया जा सकता है?

 

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