नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी से पहले जून से सितंबर के बीच गुजरातियों ने कुल 18303.59 करोड़ रुपये की आमदनी, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (IDS) के तहत घोषित की. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार यह रकम देशभर में IDS के तहत घोषित की गई राशि का 29 फीसदी है.
नोटबंदी से पहले जून से लेकर सितंबर यानी चार महीनों के दौरान यह स्कीम केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से घोषित की गई थी. इस स्कीम में तहत प्रॉपर्टी डीलर महेश शाह ने अकेले 13860 करोड़ रुपये घोषित किए थे. अहमदाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता भरत झाला की आरटीआई पर केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया है कि, IDS के तहत जून से सितम्बर 2016 के बीच गुजरात में 18303 करोड़ रुपये घोषित किए गए थे.
अहमदाबाद के महेश शाह द्वारा के IDS जरिए 13860 करोड़ रुपये घोषित करने के बाद अहमदाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता भरत सिंह झाला ने एक आरटीआई दायर कर यह जानकारी मांगी थी. हालांकि महेश शाह पहली किश्त आयकर विभाग में जमा करने में नाकाम रहे. आरटीआई एक्टिविस्ट भरत झाला का कहना है कि, पहले तो उनकी अर्जी का जवाब यह कहकर नहीं दिया गया कि उनकी अर्जी गुजराती में है. लेकिन जब मुख्य सूचना आयुक्त ने विभाग को जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा तब उन्हें आरटीआई का जवाब दिया.
आरटीआई कार्यकर्ता भरत सिंह झाला का कहना है कि उन्होंने महज गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश के बारे में जानकारी मांगी थी. लेकिन उन्हें सिर्फ गुजरात की जानकारी दी गई. उन्होंने यह भी जानकारी मांगी थी कि कितने आईपीएस, आईएएस, सांसदों और विधायकों पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की गई. लेकिन उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई.