मंगलवार को राज्यसभा के लिए गुजरात विधानसभा में विधायकों के जरिए वोट डाले जाने हैं. वोटिंग के दिन शंकर सिंह वाघेला को अपनी रिश्तेदारी ओर दोस्ती में से किसी एक का चुनाव करना है. रिश्तेदारी कुछ इस तरह है कि हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन करने वाले बलवंत सिंह राजपूत शंकर सिंह वाघेला के रिश्ते में समधी हैं, जबकि अहमद पटेल पिछले 25 सालों से शंकरसिंह वाघेला के दोस्त रहे हैं.
शंकर सिंह वाघेला के लिए राज्यसभा का ये चुनाव अस्तित्व का चुनाव भी है, क्योंकि शंकर सिंह वाघेला पहले ही बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए हैं और वे कांग्रेस से अपना इस्तीफा भी दे चुके हैं. वैसे में अभी तक उन्होंने बतौर विधायक अपना इस्तीफा नहीं दिया है. जिस वजह से वो राज्यसभा के लिए अपना वोट डाल सकते हैं.
वाघेला पर अपने समधी को जिताने के साथ-साथ अपने बेटे का भी राजकीय भविष्य ताख पर रखा है. हालांकि कांग्रेस से अब तक जिन 6 विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उसके पीछे लोग शंकर सिंह वाघेला को जिम्मेदार मानते हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस में अभी ऐसे सात विधायक और भी हैं जिन्होंने फिलहाल इस्तीफा तो नहीं दिया है लेकिन वे पार्टी से बगावत कर चुके हैं.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शंकर सिंह वाघेला अपने पारिवारिक रिश्तों में उलझते हैं, या फिर उस स्वच्छ राजनीति में जिसे लेकर उन्हें अपने जन्मदिन के दिन कहा था कि, कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है.