प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही गुजरात के चर्चित बैचलर हो, लेकिन साल 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में 30 से 40 साल की उम्र के 6.29 लाख पुरुष है, जो अविवाहित है. यही नहीं, इनमें से अधिकांश लोग अपनी पसंद से अविवाहित नहीं है.
गुजरात में विषम लिंग अनुपात है. यहां 1000 पुरुषों में 919 महिलाएं हैं और 1000 लड़कों में 886 लड़कियां हैं, जो कि 0 से 6 साल की उम्र के हैं. जमीनी स्तर पर इस असंतुलन के कारण यहां के योग्य बैचलर का वक्त दुल्हन ढूंढ़ने में ही गुजर रहा है.
यहां के कई गांवों में ऐसे युवक हैं, जो हर तरह से काबिल हैं. उच्च शिक्षा की प्राप्त की हुई है, लेकिन किसी भी तरह से इन्हें दुल्हन नहीं मिल रही है. लोगों का कहना है कि तमाम मैरिज ब्यूरो और शादी के समरोह में जाने के बाद भी इन्हें शादी के लिए लड़की नहीं मिल रही है. चौंकाने वाली बात ये है कि यहां कुछ ऐसे भी गांव हैं जहां, 100 लड़कों पर केवल 60 लड़कियां हैं.
ऐसे भी कई परिवार हैं, जो अपनी तीन-तीन लड़कियों की शादी तो आसानी से कर देते हैं, लेकिन लड़के के लिए एक लड़की ढूंढ़ने में चप्पल घिस रही है. यहां के चंद्राला गांव में 60 युवक कुंवारे हैं और उन्हें लड़की नहीं मिल रही है.