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नोट बंदी के चलते हीरे के छोटे कारोबारी बेहाल, नहीं शुरू कर पा रहे है अपना कारोबार

हीरा तराशने के छोटे-छोटे कारखानों में दिवाली से लगे ताले आज भी लगे हुए है. सूरत में जो छोटी-छोटी डायमंड यूनिट है वह अभी तक दिवाली की छुट्टियां ही बना रही है.

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सूरत व्यापारी हो रहे परेशान
सूरत व्यापारी हो रहे परेशान

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मोदी सरकार के नोटबंदी के कारण सूरत के हीरा कारोबार की चमक फीकी पड़ गई है, हीरे कारोबार पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है. सूरत में जो बड़े कारोबारी है उनपर तो कोई ज्यादा असर नहीं दिख रहा है क्योंकि उनका अधिकतर कारोबार विदेश में होता है लेकिन जो स्थानीय व्यापारी है उन्हें इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

हीरा तराशने के छोटे-छोटे कारखानों में दिवाली से लगे ताले आज भी लगे हुए है. सूरत में जो छोटी-छोटी डायमंड यूनिट है वह अभी तक दिवाली की छुट्टियां ही बना रही है. ऐसा हूी एक कारखाना चलाने वाले दिनेश भाई कहते है कि वह बड़े-बड़े कारोबारियों से हीरा लेकर यूनिट में हीरा तैयार करवाते है और उसी से कमाई होती है. लेकिन नोटबंदी के बाद से काफी मुश्किल आ रही है. पैसे ना होने की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे है.

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फैक्ट्री में काम करने वाले 60 से ज्यादा मजदूर फैसले को तो सही ठहराते है लेकिन बदइंतजामी से वह परेशान है और इन दिनों वह बेरोजगार की तरह है.

सूरत में तराशा गया हीरा देश में नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी मशहूर है, केंद्र सरकार द्वारा 500-1000 के नोटबंद होने से इस व्यापार पर खासा असर देखने को मिल रहा है.

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