
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के मिलने के दावे के बाद अब उन मंदिरों की चर्चा होने लगी है, जिसे कई बार मुस्लिम शासकों ने लूटा और तोड़ा. इसके बावजूद वो शिव की आस्था और श्रद्धा का पहला स्थान माना जाता है. ऐसा ही एक मंदिर है गुजरात का सोमनाथ महादेव मंदिर, जिसे अब सोने से सजाया जा रहा है.
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर किए जा रहे दावों के बीच गुजरात का एक मंदिर भी चर्चा में आ गया है. यह है अरब सागर के किनारे पर स्थित सोमनाथ महादेव मंदिर. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर को कई बार लूटा गया. इतिहास भी इस बात का कई बार गवाह रहा है कि जो भी मुस्लिम शासक आया, उसने इस मंदिर को बार-बार लूटा.
इतिहास के पन्नों में कभी सोने से दमकते इस ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर को कई विदेशी लोगों के जरिए लूट गया. कभी इसे मोहम्मद गजनबी ने लूटा था, तो कभी इसे अलाउद्दीन खिलजी जैसे तानाशाह ने. साथ ही मंदिर को तोड़ा गया. महमूद गजनबी ने सन 1024 में अपने करीब 5000 की सेना के साथ सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था.
इस दौरान मोहम्मद गजनबी ने मंदिर में सोने-चांदी, हीरा और अनमोल चमकीले पत्थरों को लूट कर पूरी तरह से नष्ट कर दिया था. इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था. 1297 में दिल्ली सल्तनत में गुजरात पर कब्जा किया तो पांचवी बार इस मंदिर को गिरा दिया गया था.
आखिरी बार मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस मंदिर को 1706 में गिराया. सोमनाथ महादेव के इस मंदिर को इतिहास के मुताबिक 17 बार लूटा गया है. आज के वक्त जो मंदिर नागर शैली का हम देख रहे है, यह 1948 में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बनवाया, जिसे 1 दिसंबर 1955 को भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्र को समर्पित किया था.
इसके बाद मंदिर को बढ़ाया गया और गर्भगृह के साथ दो मंडपो को जोडा गया. इस मंदिर के दो मंडप के साथ 1995 में शकंर दयाल शर्मा ने राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे अब सोने से सजाया जा रहा है. एक ओर जहां अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह पर भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है, तो काशी में ज्ञानवापी को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है.
इस बीच सोमनाथ महादेव मंदिर को फिर से सोमनाथ ट्रस्ट के जरिए सोने से जगमगाया जा रहा है. मंदिर के ऊपर बने 1457 कलश को सोने से मढ़ने का काम शुरु कर दिया गया है. अब तक सोमनाथ मंदिर के ऊपर बने कई कलश को सोने से मढ़ा जा चुका है, जिसमें अब तक 700 से अधिक सोने के कलश को लगा दिया गया है.
इस वक्त सोमनाथ मंदिर के ट्रस्ट खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं. सोमानथ मंदिर के एक और ट्रस्टी पीके लहरी का कहना है कि सोमनाथ मंदिर के नए स्वरूप में ठीक है ऐसे ही सजाया जा रहा है, जैसे आज से 1000 साल पहले यह मंदिर था. सोमनाथ मंदिर को अब पूरी तरह सोने के कलश से मढा जा रहा है.
सोमनाथ मंदिर के गर्भ गृह के साथ-साथ अब मंदिर में लगे तोरण और खंभों को भी धीरे-धीरे सोने से मढा जाएगा. यह मंदिर वैसा ही वैभवशाली हो जाएगा, जैसा आज से कई हजार साल पहले था. पहले चरण में दान के जरिए सोमनाथ मंदिर के अंदर के गर्भ गृह को पूरी तरह से सोने से मढ़ा गया और उसे भव्य स्वरूप दिया गया.