बच्चों के गुल्लक तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन क्या आपको पता है गुजरात में बच्चों के लिए एक बैंक भी है. गुजरात के साबरकांठा जिले में बच्चों के लिए एक बैंक चलता है जिसका उद्देश्य बच्चों में बचत की आदत डालना है.
11 साल के राघव सोनी के लिए पैसों का एकमात्र पता उनका पिगी बैंक है. अपने पिगी बैंक में वो हर रोज अपनी जेबखर्च में से कुछ राशि डालता है. दिलचस्प बात यह है कि इस पिगी बैंक में महीने भर में जितना पैसा जमा होता है उसे साबरकांठा में चलने वाले बाल बैंक में जमा कर दिया जाता है. हर महीने की 10 तारीख को बैंक वाले राघव के घर आते हैं और पैसे जमा कर पासबुक में एंट्री कर देते हैं. साबरकंठा में राघव जैसे कई और बच्चे हैं जो अपने महीने भर की बचत बाल बैंक में जमा करते हैं.
बैंक की पूंजी करोड़ों में
दरअसल साबरकांठा में पिछले छह साल से बाल बैंक चल रहा है. इस बैंक के सात हजार सदस्य हैं जिनकी वजह से बैंक की जमापूंजी तीन करोड़ 6 लाख रुपये के पार पहुंच गई है. इस बैंक की अच्छी बात यह है कि यहां बच्चों को बैंक नहीं जाना पड़ता. हर महीने बैंक के लोग बच्चों के घर आते हैं और पैसे जमा कर लेते हैं. ‘द बाल गोपाल बचत एवं ऋण सहकारी मंडली नाम की संस्था यह बैंक चलाती है.
18 वर्ष का होने पर बच्चों को अपनी जमा रकम लेकर बैंक से बाहर होना पड़ता है. उनका खाता बंद कर दिया जाता है. अबतक लगभग एक हजार बच्चे अपनी मैच्योर राशि लेकर संस्था से जा चुक हैं. संस्था ने 700 ट्रेनर नियुक्त कर रखे हैं जो बच्चों को बचत का महत्व समझाते हैं. इसके साथ ही वह अभिवावकों को भी समझाते हैं कि बच्चा अगर कुछ अच्छा काम करे तो उसे ईनाम दें.