गुजरात के विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 182 में से 160 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. लिस्ट में कुछ दिग्गजों के नाम नदारद हैं तो कुछ नए और हाशिए पर चले गए नेताओं के सियासी सफर को नया आगाज मिल गया है.
हासिए पर जाने वालों में एक नाम मधु श्रीवास्तव का भी है. अपनी बयानबाजी और दबंगई के लिए मशहूर वडोदरा की वाधोडिया सीट से 6 बार विधायक रह चुके मधु श्रीवास्तव का टिकट इस बार बीजेपी ने काट दिया है. 1995 में मधु श्रीवास्तव बतौर निर्दलीय विधायक के तौर पर चुने गये थे, बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद मधु श्रीवास्तव लगातर यहां से जीतते आ रहे हैं. बता दें कि मधु गुजरात के 2002 के बेस्ट बेकरी मामले में आरोपी रहे हैं. उन्हें दंबग नेता के तौर पर जाना जाता है.
टिकट कटने के बाद मधु श्रीवास्तव मीडिया के सामने आए और कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं इसका फैसला मेरे कार्यकर्ता करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि वो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खास आदमी हैं. उन्होंने कहा कि वो पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं और ना ही वे टिकट कटने पर खफा हैं.
मधु श्रीवास्तव ने आगे कहा कि उनके कुछ काम बाकी रह गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी मंदिर का काम बाकी था. वधोडिया तालुका में पानी पहुंचाने का काम बाकी था. कुछ रोड बनने बाकी थे. इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है.
बता दें कि वडोदरा जिले की इस सीट में तहसील के कुछ हिस्से आते हैं तो वहीं शहर के भी कुछ हिस्से इसमें शामिल हैं. इस सीट पर नॉन गुजराती वोटर्स की तादाद भी काफी ज्यादा है. यहां 2,28,946 वोटर हैं, जिसमें 2017 के चुनाव में 76.9 प्रतिशत तक वोटिंग हुई थी. वाधोडिया की इस विधानसभा सीट पर 1962 से अब तक टोटल 13 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी पिछले 6 टर्म से चुनाव जीतती आई है.
2017 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार मधु श्रीवास्तव को 63,049 वोट मिले थे. इसी सीट पर धर्मेन्द्र सिंह वाधेला निर्दलीय खड़े हुए थे, जिन्हें 52,734 वोट मिले थे. मधु श्रीवास्तव की चुनाव में जीत हुई थी. 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से जयेश पटेल को टिकट दिया था, जिस में मधु श्रीवास्त को 65,851 वोट मिले थे, जबकि जयेश पटेल को 60,063 वोट मिले थे.
इससे पहले हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भी मधु श्रीवास्तव अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो पार्टी के सामने उन्होंने बगावत कर दी थी.