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Surat: कातिलाना हमले, मोबाइल लूट की कहानी फर्जी… रेस्टोरेंट कर्मचारी ने खुद ही मारा था गले पर चाकू

रेस्टोरेंट के कर्मचारी ने दो अज्ञात लोगों के हमलाकर मोबाइल लूटने की कहानी पुलिस को बताई थी. सूरत पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस, मुखबिरों के नेटवर्क और आस-पास के होटल और अन्य जगहों पर लगे कैमरों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. मगर, कोई सुराग नहीं लगा. फिर पुलिस का शक होटल कर्मचारी पर ही गहरा गया और जो सच्चाई सामने आई, वह चौंकाने वाली थी. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

गुजरात के सूरत शहर में पिछले दिनों एक शख्स के ऊपर हुए कातिलाना हमले के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. सूरत के डिंडोली पुलिस थाना क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट कर्मचारी द्वारा खुद के ऊपर अज्ञात लोगों द्वारा हमला कर मोबाइल लूट लिए जाने की कहानी गढ़ना भारी पड़ गया. पुलिस जांच में अज्ञात हमलावरों द्वारा हमला कर मोबाइल लूट की बात झूठी साबित हुई है. आइए हम आपको समझते हैं क्या है यह पूरा मामला…

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सूरत शहर के डिंडोली पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत मधुरम सर्कल के पास कोडलवर रेस्टोरेंट बना है. यहां काम करने वाले कर्मचारी किशन चेतलाल रविदास ने बताया था कि वह 27 जनवरी 2024 की सुबह करीबन 7:00 बजे लघु शंका करने के लिए रेस्टोरेंट के पास खुली जगह में गया था. इसी दौरान उसके ऊपर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हमले किए जाने की जानकारी डिंडोली थाना पुलिस को मिली थी.

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सूचना मिलते ही डिंडोली थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई. घायल अवस्था में जमीन पर पड़े रेस्टोरेंट के कर्मचारी किशन चेतलाल रविदास को फौरन ही इलाज के लिए मनपा संचालित स्मीमेर हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया था. रेस्टोरेंट के मालिक दिनेश रघुनाथ मराठे ने अज्ञात शख्स के खिलाफ हत्या की कोशिश करने का मामला डिंडोली पुलिस थाने में दर्ज करवाया था. इस मामले की जांच डिंडोली पुलिस थाने के सेकंड पुलिस इंस्पेक्टर एसएम पठान कर रहे थे.

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पुलिस की कई टीमें कर रही थीं मामले की जांच 

रेस्टोरेंट कर्मचारी किशन चेतलाल रविदास के ऊपर हुए कातिलाना हमले की जांच में डिंडोली थाना पुलिस की अलग-अलग टीम काम कर रही थी. हमलावर को पकड़ने के लिए पुलिस ने रेस्टोरेंट और उसके आस-पास काम करने वाले अनेक कर्मचारी से पूछताछ की, लेकिन पुलिस के हाथ में कोई भी सुराग नहीं लग रहा था. डिंडोली पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर हरपाल सिंह मसानी हेड कांस्टेबल मिलिंद तुकाराम, दिव्येश हरीश भाई, राजदीप सिंह नरेंद्र सिंह एवं अन्य पुलिस कर्मियों ने अलग-अलग जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी चेक किए थे. मोबाइल सर्विलांस टीम भी काम पर लगाई गई थी. साथ ही साथ पुलिस ने अपने खबरियों को भी हमलावर को ढूंढने के लिए काम पर लगाया था. 

घटना के तीन दिन बाद घायल हुए रेस्टोरेंट कर्मचारी किशुन रविदास होश में आया था, लेकिन उसकी श्वास नली में गंभीर चोट पहुंचाने के कारण वह बोल नहीं सकता था. वह पुलिस के साथ इशारे में ही बात करने की कोशिश कर रहा था. इस बीच पुलिस ने उसे एक कॉपी और पेन दिया और उसके साथ हुई घटना से संबंधित जानकारी लिखने के लिए कहा था.

लिखकर पुलिस को दी वारदात की झूठी कहानी 

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पुलिस को उसने लिखकर दिया कि सुबह 7:00 बजे मोबाइल फोन पर बातचीत करते-करते वह रेस्टोरेंट की पीछे खुली जगह में लघु शंका करने के लिए गया था. तभी दो अज्ञात लोग रेस्टोरेंट की खुली जगह में आए और उसके गले पर तीक्ष्ण हथियार से हमला कर मोबाइल फोन लूटकर चले गए थे. 

कोडलवर रेस्टोरेंट के आस-पास स्थित अन्य चाय के होटल एवं रेस्टोरेंट के सीसीटीवी चेक किए गए थे. घायल शख्स किशुन के साथ रेस्टोरेंट में ही काम करने वाले अन्य कर्मचारियों के साथ पूछताछ की गई, तो पता चला कि कोई बाहरी शख्स उन्हें नजर नहीं आया था. रेस्टोरेंट कर्मचारी पर हुए कातिलाना हमले से संबंधित पुलिस को न तो कोई टेक्निकल सबूत मिल पा रहे थे न ही ह्यूमन रिसोर्स के जरिए कोई जानकारी मिल पा रही थी.

दो दिन पहले तोड़कर फेंक दिया था मोबाइल 

पुलिस ने घायल कर्मचारी किशुन की कॉल डिटेल भी निकलवाई थी. इसमें पता चला कि उसने घायल होने के दो दिन पहले ही अपना फोन बंद कर दिया था. अस्पताल में इलाज करवा रहे किशुन रविदास को पुलिस ने पूछताछ में भरोसा दिया कि वह सच बता देगा, तो उसके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी. 

पुलिस के इस भरोसे के बाद घायल कर्मचारी किशुन रविदास ने पुलिस को बताया कि उसने डिप्रेशन में आकर खुद ही पर हमला करने का प्लान बनाया था. घटना के दो दिन पहले अपने ओप्पो कंपनी के फोन को स्विच ऑफ कर तोड़ दिया था और रेस्टोरेंट की पीछे खुली जगह में उसे फेंक दिया था. 

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समय से इलाज मिलने से बच गई जान

जिस दिन उसने खुदकुशी करने की कोशिश की, उस दिन रेस्टोरेंट के पीछे सभी कर्मचारी सो रहे थे. इस दौरान उसने रेस्टोरेंट में सब्जी काटने वाले चाकू को लेकर खुद ही गले पर वार कर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. मगर, इस दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी, तो पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था. समय से अस्पताल पहुंचने पर खुदकुशी करने की कोशिश करने वाले रेस्टोरेंट कर्मचारी किशुन की जान बच गई थी.

मामले की जांच से बचने के लिए उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए मोबाइल फोन लूट लिए जाने की फर्जी कहानी सुनाई थी. पुलिस ने कर्मचारी द्वारा खुद को ही मारने की कोशिश करने के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू, तोड़कर फेंके गए मोबाइल फोन को भी बरामद कर लिया है. अब पुलिस रेस्टोरेंट कर्मचारी के ठीक होने के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.

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