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गुजरात: सड़क किनारे नॉनवेज की दुकानों पर बैन, कानून मंत्री बोले- राहगीरों को होती है परेशानी

गुजरात के कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने खुले में मांसाहार की ब्रिकी पर प्रतिबंध को लेकर कहा है कि स्ट्रीट फूड बनाने से राहगीरों को परेशानी होती है.

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खुले में नॉनवेज बेचने पर रोक (प्रतीकात्मक तस्वीरः पीटीआई)
खुले में नॉनवेज बेचने पर रोक (प्रतीकात्मक तस्वीरः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सड़क किनारे दुकान लगाना जमीन का अतिक्रमण- राजेंद्र त्रिवेदी
  • कहा- धुएं और मसाले से राहगीरों की आंखों में होती है जलन

गुजरात में पहले राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने खुले में नॉनवेज या अंडा बेचने पर प्रतिबंध लगाया तो वडोदरा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने भी खुले में इसकी बिक्री प्रतिबंधित कर दिया. दोनों म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की ओर से ये भी कहा गया है कि खुले में नॉनवेज बेचने वालों के साथ ही इसका सेवन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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दो शहरों में नॉनवेज और अंडे की खुले में बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद ये मसला अब सियासी रंग लेता नजर आ रहा है. गुजरात के कानून मंत्री ने राजकोट और वडोदरा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के फैसले का बचाव किया है. गुजरात के कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने खुले में मांसाहार की ब्रिकी पर प्रतिबंध को लेकर कहा है कि स्ट्रीट फूड बनाने से राहगीरों को परेशानी होती है. इससे उठने वाले धुएं और मसाले के कारण आंखों में जलन होती है.

उन्होंने कहा है कि फुटपाथ राहगीरों के लिए है. उसपर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता. फुटपाथ पर दुकान लगाना अपने आप में एक प्रकार से जमीन का अतिक्रमण है. वेज-नॉनवेज किसी भी तरह का स्ट्रीट फूड बनाने वालों के कारण राहगीरों को परेशानी होती है. उससे उठने वाले धुएं और मसाले के कारण आंखों में जलन होती है.

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गुजरात के कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने राजकोट और वडोदरा के महापौर को इस तरह के आदेश के लिए बधाई का पात्र बताया. गौरतलब है कि वडोदरा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की ओर से इस संबंध में लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है. वडोदरा में इस तरह का आदेश अभी मौखिक है.

 

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