राजकोट के टीआरपी गेम जोन में हुए हादसे के बाद सूरत महानगर पालिका शनिवार को ही एक्शन में आ गई थी. गुजरात सरकार के आदेशानुसार सूरत महानगरपालिका, पुलिस, फायर विभाग और बिजली विभाग की अलग-अलग टीमों ने राजकोट टीआरपी गेम जोन की घटना के बाद से सूरत में एक्शन शुरू कर दिया था. सूरत शहर के कुल 17 गेम जोन में से 5 गेम जोन को शनिवार को ही सील कर दिया था, जबकि 12 गेम जो की जांच रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.
बताया जाता है कि बाकी गेम जोन की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उनके बारे में फैसला लिया जाएगा. इस मामले की जानकारी सूरत महानगरपालिका के डिप्टी कमिश्नर बीके पटेल ने यह जानकारी दी थी. सूरत महानगरपालिका के सरथाना इलाके में स्थित तक्षशिला अग्निकांड में आज से ठीक 5 साल पहले 22 बच्चों की जलकर मौत हो गई थी. घटना को 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला है.
सूरत के 17 में 5 गेमजोन सील
अब जब राजकोट में टीआरपी गेम जोन में अग्निकांड हुआ है और उसमें दो दर्जन से अधिक लोगों की जाने जा चुकी है. तब सूरत महानगरपालिका एक्शन में आई थी और शहर के 17 गेम जोन में जांच शुरू की थी. इन्हीं 17 गेम जोन में से 5 गेम ज़ोन में सुरक्षा के लिहाज़ से कमियां पाये जाने के बाद सील कर दिया है. वेसू पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित रिबाउंस गेम जोन में जांच पड़ताल करने के लिए अलग अलग विभागों के अधिकारी जांच करने पहुंचे थे और जांच शुरू की थी.
एक गेम जोन को जांच से पहले ही बंद करवाया
सूरत के वेसू पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित रिबाउंस गेम जोन को जांच शुरू करने से पहले बंद करवा दिया था. इस गेम जोन में फायर सेफ्टी की पूर्ण रूप से सुरक्षा के इंतजाम नज़र नहीं आये थे. इसी तरह से शहर के अन्य गेम जोन में भी यही हालात पाए गए हैं. रिबाउंस गेम जोन में आग बुझाने के नए संसाधन तो राजकोट में घटी घटना के दिन ही खरीद कर लाए गए हैं.
12 गेम जोन की रिपोर्ट आनी बाकी
सूरत महानगरपालिका डिप्टी कमिश्नर बीके पटेल ने बताया कि अलग-अलग टीम ने सुबह से ही सूरत के 12 गेम जोन में जांच के लिए निकल चुकी थी. सूरत शहर में कुल 17 के गेमजोन हैं, जिनमें से पांच गेम जोन में कमी पाए जाने पर शनिवार को ही सील कर दिए गए हैं, जबकि 12 गेम जोन में जांच कमेटी की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. रिपोर्ट आने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
सूरत के तक्षशिला में 5 साल पहले हुआ था अग्निकांड
सूरत के तक्षशिला अग्निकांड को 5 साल बीत चुके हैं तो इन पांच सालों में सूरत महानगरपालिका में क्या कुछ बदलाव आए हैं. इस मामले को लेकर बीके पटेल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण कार्यों को लेकर सूरत महानगरपालिका के विभाग काम करते रहते हैं. बीके पटेल से जब यह पूछा गया कि राजकोट की घटना के बाद ही क्यों सूरत महानगरपालिका की टीम में जांच करने के लिए निकली है तो उन्होंने कहा कि रूटीन में भी जांच चलती रहती है लेकिन राजकोट की घटना के बाद फिर से जांच हो रही है.