किसी भी अपराध को अंजाम देने के बाद अपराधी की मंशा पुलिस की पकड़ से बचने की होती है और उसके लिए अपराधी नए-नए तरकीबें भी आज़माते रहते हैं . गुजरात के सूरत से भी एक ऐसा ही क़िस्सा सामने आया है जहां अपराधी ने पुलिस की पकड़ से बचने के लिए तीन वर्ष में ख़ुद का वज़न 55 किलो से बढ़ाकर 115 किलो कर लिया मगर फिर भी पुलिस की पकड़ में आ गया .
पुलिस से बचने के लिए बढ़ा लिया वजन
इस आरोपी का नाम गौतम वानखेड़े बताया गया है और इसने 2018 में अपने साथियों के साथ मिलकर शिव हीरानगर सोसायटी में रेलवे ट्रेक के पास विनय उर्फ़ जितेंद्र राय के ऊपर जानलेवा हमला किया था. उस समय पुलिस ने उस घटना के मास्टमाइंड राहुल एपार्टमेंट और उसके बाकि साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन गौतम भागने में कामयाब हो गया. अब यहीं से शुरू हो गया था चोर-पुलिस वाला खेल जहां पर एक तरफ सूरत पुलिस उसे पकड़ने के लिए रणनीति बना रही थी तो वहीं आरोपी गौतम भी कानून को चकमा देने के लिए तैयार था.
तीन साल बाद हुआ गिरफ्तार
हैरानी की बात ये है कि उस आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए अपना 60 किलो तक वजन बढ़ा लिया. उसने खुद को इतना मोटा कर लिया कि कोई चाहकर भी ना पहचान पाए. पुलिस ने बताया है कि गौतम का 2018 में वारदात के दौरान वजन 55 किलो के आस-पास था. लेकिन अब तीन सालों बाद जब वो पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसका वजन 115 बताया गया है. ऐसे में गौतम की तरफ से पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन फिर भी सूरत पुलिस ने ना सिर्फ उसे गिरफ्तार कर लिया बल्कि तीन साल भी उसे उसके अपराध की सजा भी मिल गई. इस बारे में सूरत पुलिस के एसीपी अभिजीत सिंह परमार ने बताया कि जिस वक्त गौतम वानखेड़े ने हत्या की कोशिश के गुनाह को अंजाम दिया था, उस वक्त उसका वजन सिर्फ़ 54 किलो था मगर अब तीन साल बाद जब वो पकड़ा गया है तो उसका वज़न 115 किलो है.
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इस घटना ने फिर साफ कर दिया है कि कानून के हाथ काफी लंबे हैं और अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, पुलिस उसे पकड़ ही लेती है. यहां भी ऐसा ही देखने को मिल गया. वजन बढ़ाया, रूप बदला, लेकिन फिर भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.