सूरत के कतारगाम इलाके में इनकम टैक्स अधिकारी बनकर 8 करोड़ की लूट मामले में सूरत क्राइम ब्रांच ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. सूरत पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि 8 करोड़ की लूट हुई ही नहीं थी. 27 फरवरी 2024 को मेडिकल संबंधित साधन सामग्री बनाने वाली सहजानंद टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों के पास से लूट की फर्जी साजिश रची थी.
दरअसल, कतारगाम पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस थाने से कुछ ही मीटर दूरी पर 27 फरवरी की दोपहर 4 बजे एक इको कार को रोककर उसमें सवार अन्य तीन लोगों को गन दिखाकर लूट लिया गया था. कार में सवार कर्मचारियों को अलग-अलग जगह छोड़कर उसमें रखे 8 करोड़ रुपये से भरे बैग को लूट लिया गया था. इस वारदात को अंजाम देने वाले और सीसीटीवी में दिखने वाले शख़्स ने कार में सवार लोगों को खुद की पहचान इनकम टैक्स अधिकारी के रूप में दी थी.
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लूट की शिकायत कतारगाम पुलिस थाने में दर्ज करवाई
मामले की शिकायत लूट का शिकार हुए सहजानंद टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कैशियर नरेंद्र दूधात ने कतारगाम पुलिस थाने में दर्ज करवाई थी. सहजानंद टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में पिछले पांच साल से कैशियर के रूप में काम करने वाले नरेंद्र दूधात ने पुलिस को बताया था कि कंपनी के अन्य कर्मचारियों के साथ कार में सवार होकर कतारगाम इलाके की सेफ डिपॉजिट से रुपये निकाल कर वह शहर के महिधरपुरा इलाके में स्थित अन्य सेफ डिपॉजिट में जमा कराने जा रहे थे.
गन दिखाकर 8 करोड़ रुपये लूट कर हुए फरार
तभी इनकमटेक्स अधिकारी बनकर एक शख़्स आया था और गन दिखाकर 8 करोड़ रुपये लूट कर फरार हो गया. सूरत क्राइम ब्रांच लूट वाली वारदात की जगह से इनकम टैक्स अधिकारी बनकर लूट की इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी की तलाश में शहर में लगे सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे खंगाले और ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद ली. मगर, पुलिस को लूट के बारे में कोई सुराग नहीं मिल रहा था.
जांच में लूट की मुख्य सूत्रधार शिकायतकर्ता निकला
इनकम टैक्स अधिकारी बनकर लूट करने वाले आरोपी तक आखिर पुलिस काफी मशक्कत करने के बाद पहुंच गई. खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताने वाले आरोपी रोहित बिनू भाई ठुम्मर को हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच ने जब पूछताछ शुरू की, तो 8 करोड़ की लूट का शिकायतकर्ता कंपनी का कैशियर नरेंद्र दूधात ही मुख्य सूत्रधार निकला. लूट की इस फर्जी कहानी का भंडाफोड़ होते देर नहीं लगी.
मामले में पुलिस कमिश्नर ने कही ये बात
पुलिस कमिश्नर बवांग जमीर ने बताया कि 27 फरवरी को सूरत के कतारगाम में हुई लूट की वारदात की झूठी कहानी खुद कंपनी के कर्मचारी और इस मामले की शिकायत करने वाले नरेंद्र दूधात ने गढ़ी थी. उसी ने फर्जी लूट का प्लान बनाया था. नरेंद्र दूधात 2018 से कंपनी का पैसा निकाल कर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहा था. इनमें उसे 5 करोड़ का नुकसान हुआ था.
उस नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी में सेंधमारी कर उसने अपने मित्र कल्पेश के साथ मिलकर फर्जी लूट का प्लान बनाया था, जिसमें उसने अपने अन्य दोस्त रोहित ठुम्मर को भी शामिल किया था. कतारगाम इलाके से जब वह इको कार में निकला, तो कार में रखे बैग में रुपये नहीं बल्कि कागज थे. इसी बीच रोहित ठुम्मर इनकम टैक्स अधिकारी बनकर कार को रोका और कार में सवार नरेंद्र दूधात सहित अन्य कर्मचारियों को अलग-अलग जगह छोड़ दिया. रोहित ठुम्मर कार को लेकर चला गया. कंपनी के ही कर्मचारी नरेंद्र दूधात ने सब कुछ प्लान के हिसाब से किया. बैग में रुपये की जगह कागज भर दिये थे और पुलिस को बताया था कि 8 करोड़ लूट लिए गए हैं.