सूरत शहर के पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर ने पुराने मामलों में फरार चल रहे आरोपियों को पकड़ने के लिए अपनी प्रिवेंटिव क्राइम ब्रांच टीम को एक टास्क दिया है. कमिश्नर से मिले टास्क के तहत सूरत पुलिस की पीसीबी टीम को अलग-अलग जगहों से विभिन्न मामलों में फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. इसी कड़ी में पीसीबी (प्रिवेंटिव क्राइम ब्रांच) टीम ने झारखंड से 21 साल पुराने मर्डर केस के आरोपी को गिरफ्तार किया है.
हत्याकांड के इस आरोपी गिरफ्तार करने के लिए सूरत पुलिस की पीसीबी टीम को झारखंड के अति संवेदनशील इलाकों में 7 दिनों तक ऑटो ड्राइवर के रूप में डेरा डालना पड़ा. तब जाकर मोहम्मद उमर अंसारी पकड़ में आया. सूरत पुलिस की पीसीबी विंग के पुलिस इंस्पेक्टर आरएस सुवेरा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर के निर्देशानुसार फरार आरोपियों से संबंधित डेटा एकत्रित कर उनका विश्लेषण किया जा रहा था.
पुलिस टीम ने 7 दिन तक ऑटो चलाकर हत्यारोपी को किया गिरफ्तार
इस दौरान पुलिस के ध्यान में आया कि उधना पुलिस स्टेशन के गुना रजिस्टर्ड नंबर 59/2003 आईपीसी धारा 302, 201 और 114 के हत्या मामले में संलिप्त आरोपी अभी तक फरार है. आरोपी से संबंधित जानकारी एकत्रित की गई और उसे गिरफ्तार करने के लिए पीसीबी टीम को तैनात किया गया. पीसीबी टीम के एएसआई सहदेव वरवा और अशोक लूणी को आरोपी मोहम्मद उमर अंसारी के बारे में पता चला कि वह धनबाद के वासेपुर इलाके में रह रहा है और ऑटो चलाता है.
जानकारी वेरीफाई करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पीसीबी टीम को भेज दिया. पीसीबी टीम के सदस्यों ने झारखंड के अति संवेदनशील वासेपुर इलाके में ऑटो चालक बनकर 7 दिनों तक डेरा डाला. वे ऑटो लेकर ही घूमते थे और आरोपी के बारे में जानकारियां जुटाईं. अंतत: पुलिस ने मोहम्मद उमर अंसारी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. पुलिस इंस्पेक्टर आरएस सुवेरा ने बताया कि 2023 में पीसीबी ने 10 वर्ष से अधिक समय से फरारी काट रहे कुल 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 16 आरोपी हत्या के केस में गिरफ्तार किए गए हैं.
21 साल पहले सूरत में की थी हत्या, तब से फरार चल रहा था आरोपी
पीसीबी टीम आरोपी को सूरत लाकर उससे मर्डर केस में पूछताछ शुरू की. पुलिस के मुताबिक आरोपी उमर ने बताया कि साल 2003 के मई महीने में उसके दोस्त मेहराज अली का दयाशंकर गुप्ता नामक शख्स से झगड़ा हुआ था. मेहराज और उमर ने दयाशंकर को अमृत नगर में ले जाकर शराब पिलाई. जब वह नशे में हो गया तो दोनों ने मिलकर दयाशंकर के गले और सिर पर प्रहार कर उसकी हत्या कर दी. मृतक की पहचान ना हो इसलिए उसके चेहरे पर कपड़ा बांधकर जला दिया था और कमरे में बाहर से ताला मार कर भाग गए थे. इस मामले में मेहराज और उमर के खिलाफ मर्डर केस दर्ज है.