एक ओर जहां लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और उसके पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी दंगों के दाग से मुक्ित पाना चाह रहे हैं, वहीं दंगों का दंश उनका पीछा नहीं छोड़ रहा. ताजा मामले में दंगा पीड़ित तनवीर जाफरी ने मोदी सरकार पर 12 वर्षों से पीड़ितों के शोषण का आरोप लगाया है.
गुजरात दंगों में अपने पिता एहसान जाफरी को खो देने वाले तनवीर जाफरी न्याय के लिए मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ पिछले 12 वर्षों से कानूनी जंग लड़ रहे हैं. जाफरी ने 2002 दंगा पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सेन्ट्रल आईबी और सीआईएसएफ भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाने के आदेश की सराहना की है. केंद्र सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पीड़ितों की उम्र की सीमा को 5 साल बढ़ा दिया है.
तनवीर जाफरी ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को पीड़ित परिवारों तक पहुंचने के लिए सामाजिक संगठनों की मदद लेनी चाहिए. उनका मानना है कि ऐसा कर सरकार दूर-दराज के दंगा पीड़ितों तक मदद पहुंचा सकेगी.
'सरकार चाहती तो कुछ कर सकती थी'
दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी और गुजरात सरकार पर शोषण का आरोप लगाते हुए जाफरी ने कहा कि केंद्र सरकार की तर्ज पर गुजरात सरकार भी दंगा पीड़ितों की मदद कर सकती थी. लेकिन मोदी सरकार ने मदद करने के बजाय दंगा पीड़ितों का शोषण ही किया है.