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गुजरात में मोदी मंदिर बनकर तैयार, 15 फरवरी से गूंजेगा 'नमो-नमो'

गुजरात और भारत की राजनीति में तो 'नमो' यानी नरेंद्र मोदी पहले से ही छाए हुए हैं. पहले गुजरात के कद्दावर सीएम के रूप में, तो फिर दमदार पीएम के रूप. खास बात यह है कि अब जनता उन्हें 'जनार्दन' की तरह मंदिर में पूजने भी लगी है.

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PM मोदी की प्रतिमा
PM मोदी की प्रतिमा

गुजरात और भारत की राजनीति में तो 'नमो' यानी नरेंद्र मोदी पहले से ही छाए हुए हैं. पहले गुजरात के कद्दावर सीएम के रूप में, तो फिर दमदार पीएम के रूप. खास बात यह है कि अब जनता उन्हें 'जनार्दन' की तरह मंदिर में पूजने भी लगी है.

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दरअसल, गुजरात के राजकोट में नरेंद्र मोदी का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. जिस गांव में मंदिर बना है, वह अहमदाबाद से करीब 130 मील दूर है. जिस मंदिर में पहले उनकी एक फोटा हुआ करती थी, अब वहां उनकी मूर्ति स्थापित कर दी गई है. ज्यों-ज्यों इस मंदिर की चर्चा लोगों के बीच होने लगी, यहां आने वालों की तादाद भी बढ़ती चली गई.

मोदी मंदिर बनने में करीब 4 साल का वक्त लगा. मंदिर में मोदी की मूर्ति लगाने पर करीब पौने 2 लाख रुपये का खर्च आया. ओडिशा के एक मूर्तिकार ने उनकी मूर्ति बनाई. मंदिर में सुबह-शाम आरती होती है. बहरहाल, नई सज-धज के साथ मंदिर का औपचारिक तौर पर उद्धाटन 15 फरवरी को किया जाना है.

वैसे भारत में किसी राजनेता का मंदिर बनाए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का मंदिर पहले ही बनाया जा चुका है. दक्ष‍िण भारत में जीते-जागते इंसानों का मंदिर बनाए जाने का चलन रहा है. राष्ट्रप‍िता महात्मा गांधी का मंदिर पहले ही काफी चर्चित हो चुका है.

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