scorecardresearch
 

गुजरात की बाढ़ ने 10 शेरों और करीब 90 चीतलों की जान ली

गुजरात के कुछ हिस्सों में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ ने 10 शेरों, 1600 से ज्यादा नील गायों और तकरीबन 90 चीतलों सहित कई अन्य वन्य जीवों की जान ले ली. गुजरात के प्रधान वन संरक्षक की ओर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को दी गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

Advertisement
X
नदी के किनारे मिला शेर का शव  (फाइल फोटो)
नदी के किनारे मिला शेर का शव (फाइल फोटो)

गुजरात के कुछ हिस्सों में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ ने 10 शेरों, 1600 से ज्यादा नील गायों और तकरीबन 90 चीतलों सहित कई वन्य जीवों की जान ले ली. गुजरात के प्रधान वन संरक्षक की ओर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को दी गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

Advertisement

अमरेली और भावनगर में सबसे ज्यादा नुकसान
वन्य प्राणियों की मौतें मुख्यतौर पर अमरेली और भावनगर जिलों में हुईं हैं. हालांकि वन अधिकारी इन दो जिलों में 80 से ज्यादा शेरों को ढूंढ़ने में सफल रहे जो सुरक्षित घूम रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 2 जुलाई तक, 10 शेरों के अवशेष बरामद कर लिए गए हैं. साथ ही 1670 नील गायों, 87 चीतलों, नौ काले हिरण और छह जंगली सुअरों के अवशेष भी बरामद किए गए हैं.

अभियान में शामिल स्टाफ ने उनका जरूरी उपचार किया और उन्हें खाना दिया. गुजरात के मुख्य प्रमुख वन संरक्षक एससी पंत ने कहा कि गिर के शेर स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित घूम रहे हैं. उनके लिए शिकार भी बहुत है.'

अमरेली जिले में चार शेरों की मौत हुई है, जबकि छह की मौत भावनगर जिले में हुई. रिपोर्ट में बताया गया है कि कम दबाव वाले क्षेत्र की वजह से 26 जून को अमरेली जिले की धारी, बगसारा, कुकवाव तालुका में छह घंटे के भीतर भारी बारिश हुई जिससे करीब 26 इंच तक पानी भर गया. लिहाजा, शेत्रुंजी नदी में बाढ़ आ गई, जिससे जान माल और वन्य जीवों का भारी नुकसान हुआ.

Advertisement

मारे गए शेरों को जलाया, बाकी जानवर दफ्न किए गए
वेटनरी डॉक्टरों ने शेरों के अवशेष को पोस्टमॉर्टम के बाद जला दिया. लेतिन बाकी जानवरों के अवशेषों को गैजेटेड वन अधिकारियों की मौजूदगी में पंचनामा करने के बाद दफन कर दिया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक नील गायों के ज्यादातर अवशेष पालीटाना में शत्रुंजी बांध में मिले हैं क्योंकि नदी के पानी के बहाव में ये नील गायें बह गई थीं. बहरहाल, बाढ़ के बाद, जब अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया तो एशियाई शेरों के साथ साथ कई वन्य जीव घूमते फिरते देखे गए. तब और नील गायों की मौत होने का भी पता चला. कुछ शेर कमजोर और हैरान कर देने वाली स्थिति में मिले.

IANS से इनपुट

Advertisement
Advertisement