'मिल्क केपिटल' के नाम से मशहूर गुजरात का आणंद शहर अब एक नई वजह से चर्चा में है. यहां दुनिया की पहली बेबी फैक्ट्री (सरोगेसी शॉप) खुलने वाली है जहां सैंकड़ों गरीब महिलाएं सरोगेसी मदर बनकर नि:संतान दंपति के लिए बच्चा पैदा करेंगी और इसके बदले में उन्हें अच्छे खासे पैसे मिलेंगे.
करोड़ों रुपयों की लागत से बन रहे निर्माणाधीन क्लीनिक में आने वाले पश्चिमी देशों के दंपतियों के लिए सेल्फ केटरिंग अपार्टमेंट, सरोगेट (किराए की कोख) मदर के लिए पूरा एक फ्लोर, कार्यालय, प्रसव रूम और एक आईवीएफ डिपार्टमेंट होगा. इतना ही नहीं यहां एक रेस्टोरेंट और एक गिफ्ट शॉप भी होगी.
दुनिया के इस सबसे बड़े सरोगेट हाउस का निर्माण करा रही हैं डॉ. नयना पटेल. उनकी योजना एक सुपर सरोगेसी हॉस्पिटल बनाने की है जहां सैंकड़ों भारतीय महिलाएं पश्चिमी देशों से बच्चे की चाह में आने वाले नि:संतान दंपतियों के लिए सरोगेट मदर बनेंगी और उनके बच्चे को जन्म देंगी.
गौरतलब है कि अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में सरोगेसी के माध्यम से संतान प्राप्त करने का खर्चा 50 लाख रुपये से भी ज्यादा बैठता है, जबकि भारत में यह सुविधा सिर्फ 15 से 20 लाख में प्राप्त की जा सकती है.
डॉ. नयना पटेल अभी एक छोटा सा क्लीनिक चलाती हैं जहां करीब 100 गर्भवती महिलाओं को एक साथ रखा जा सकता है. बच्चे को जन्म देने वाली महिला को करीब 5 हजार पाउंड यानी करीब 5 लाख रुपये मिलते हैं. हालांकि डॉ. पटेल बच्चा लेने वाले विदेशी दंपति से 17,250 पाउंड यानी करीब साढ़े 17 लाख रुपये लेती हैं. सरोगेसी के जरिए अभी तक यहां करीब 600 बच्चों को जन्म दिया जा चुका है.
डॉ. पटेल को धमकी
डॉ. नयना पटेल ने बताया कि उन पर गरीब महिलाओं का शोषण करने का आरोप लग रहा है. इसके लिए उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल रही है. उन्होंने कहा, 'मुझ पर बच्चा बेचने और बेबी मेकिंग फैक्ट्री खोलने जैसे आरोप लग रहे हैं.'
नयना गरीबों के शोषण के आरोप को खारिज करते हुए कहती हैं, 'ये महिलाएं नौकरी कर रही हैं. यह एक फिजिकल काम है, इसके लिए उन्हें भुगतान किया जाता है. ये महिलाएं जानती हैं कि बिना कष्ट लाभ नहीं मिलता है.'