बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि देश में पहले शौचालय बनने चाहिए और मंदिर बाद में.
युवाओं के लिए आयोजित एक समारोह में मोदी ने कहा कि हिंदुत्ववादी नेता की छवि होने के बाद भी उनमें यह बात कहने का साहस है. उन्होंने कहा, 'मुझे हिंदुत्ववादी नेता कहा जाता है. मेरी छवि मुझे ऐसा कहने नहीं देगी, लेकिन मुझमें यह कहने का साहस है. वाकई मेरी सोच है-पहले शौचालय, फिर देवालय.'
गुजरात के मुख्यमंत्री का यह बयान उनकी पार्टी और सहयोगी संगठनों के अंदर विवाद खड़ा कर सकता है, जो अगले लोकसभा चुनावों से पहले मंदिर मुद्दा उठाने को उत्सुक हैं. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी शौचालयों पर इस तरह का बयान देते हुए कहा था कि देश को मंदिरों से ज्यादा जरूरत शौचालयों की है. इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था और कई महिला संगठनों और एनजीओ ने उनकी टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
विकास का नारा देते हुए मोदी ने कहा कि गांवों में मंदिरों पर लाखों रपये खर्च किये जाते हैं, लेकिन वहां शौचालय नहीं हैं.
महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यह विडंबना ही है कि देश में महिलाओं को शौचालयों नहीं होने पर खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. मोदी ने कहा कि वास्तविक नेता वह होता है जिसमें सभी समस्याओं को संभालने की क्षमता और आगे बढ़ने का नेतृत्व करने का गुण हो.