गुजरात की एक राज्यसभा सीट का दिलचस्प चुनाव अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. राज्य के 57 विधायकों की बदौलत बड़ी आसानी से राज्यसभा की राह देख रहे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के सामने कड़ी चुनौती है.
अचानक शंकरसिंह वाघेला की बग़ावत और फिर 6 विधायकों के पार्टी छोड़ जाने के बाद अहमद पटेल की राह में बीजेपी में कांटे बिछा दिए. वाघेला के समधी और कांग्रेस विधायक बलवंत सिंह को ही बीजेपी ने अहमद के सामने उतार दिया. इसलिए पार्टी ने अपने 44 विधायकों को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के भरोसे बंगलुरू के रिसोर्ट में रख दिया, लेकिन वहां आईटी की रेड ने हंगामा खड़ा कर दिया. इस बीच पार्टी लाख जद्दोजहद के बावजूद नोटा को चुनावी प्रक्रिया से दूर नहीं कर पाई.
ऐसे में 8 अगस्त को मतदान के दिन से पहले राखी का त्योहार आ गया है. वोट देने के लिए इन विधायकों को गुजरात तो जाना ही होगा. कांग्रेस के 44 विधायकों का बंगलुरु में नेतृत्व कर रहे शक्ति सिंह गोहिल ने आजतक से बातचीत में कहा, एक बात तय है कि हम दिल्ली नहीं गुजरात जाएंगे. ये गलत खबर फैलाई जा रही है कि हमारे विधायक दिल्ली जाकर सोनिया जी से मिलेंगे. बीजेपी ही यह गलत खबर फैला रही है कि हमारे विधायक नोटा पर वोट करेंगे.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, समाचार चैनलों से मेरा अनुरोध है कि ऑन रिकॉर्ड खबरें चलाएं. मैं और सभी विधायक अभी बंगलुरू में हैं. हम 44 विधायक एकजुट हैं और अहमद पटेल को जिताएंगे.
हालांकि सूत्रों की मानें, कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर अब भी सता है, यही वजह है कि फिलहाल पार्टी मतदान से पहले इन विधायकों को अकेला नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी को लगता है कि ये विधायक अपने परिजनों को लेकर भी चिंतित हैं. इसी बीच मतदान से एक दिन पहले रक्षाबंधन का त्योहार भी है. इसलिए पार्टी ने अभी एक तीर से दो निशाने लगाने का प्लान बनाया है. सूत्रों के मुताबिक, रक्षाबंधन के दिन सभी विधायकों को गुजरात के आनंद स्थित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के रिसोर्ट में रखा जाएगा. इन विधायकों के परिजनों को भी वहीं बुला लिया जाएगा.
दरअसल, रक्षा बंधन के अगले दिन ही राज्यसभा का चुनाव है. मतदान स्थल की दूरी आनंद से महज डेढ़ घंटे की है, इसलिए मतदान के दिन सुबह ही सभी एक साथ आनंद से रवाना होंगे. साथ ही उनके परिजनों को छूट रहेगी कि वो रिसोर्ट में रुकें या जाएं. पार्टी को लगता है कि इससे विधायकों के मन में परिवार की किसी तरह की चिंता नहीं रहेगी और वे कांग्रेस के हक़ में वोट देंगे. पार्टी ने फिलहाल वक़्त और विधायकों की यात्रा का डिटेल गुप्त रखा है और आधिकारिक तौर पर वह इस पर कुछ नहीं बोलना चाहती.
ऐसे में कह सकते हैं कि अपने अहमद भाई की रक्षा के लिए एक बंधन में बंधे रहने का वचन देकर गुजरात के आनंद में एक साथ कांग्रेसी विधायक रक्षा बंधन मनाएंगे.
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