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गुजरात में मालगाड़ी की चपेट में आईं दो शेरनियां, मौत

गिर वन के पास सुरेंद्रनगर पीपावाव पोर्ट रेल लाइन पर तेज रफ्तार मालगाड़ी की चपेट में आने से दो शेरनियों की मौत हो गई. अमरेली-राजुला तहसील के भेराई गांव के पास बुधवार सुबह 5.45 पर ये हादसा हुआ.

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मृत पड़ी शेरनी
मृत पड़ी शेरनी

गिर वन के पास सुरेंद्रनगर पीपावाव पोर्ट रेल लाइन पर तेज रफ्तार मालगाड़ी की चपेट में आने से दो शेरनियों की मौत हो गई. अमरेली-राजुला तहसील के भेराई गांव के पास बुधवार सुबह 5.45 पर ये हादसा हुआ.

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ट्रेन सुरेंद्रनगर से पीपावाव पोर्ट की ओर जा रही थी. घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और छानबीन की. पोस्टमार्टम के बाद शवों का अग्निदाह कर दिया गया है. वन विभाग के मुताबिक एक शेरनी की उम्र अंदाजन 7 साल थी, जबकि दूसरी की उम्र 3 साल बताई जाती है.

चश्‍मदीदों के मुताबिक इन दिनों राजुला तहसील में एक झुंड ने डेरा डाल रखा था, जिसमें एक शेर था, जबकि चार शेरनियां थी. इनमें से एक शेर और दो शेरनियां ट्रैक के दूसरी साइड पर पहुंच गए थे, जबकि दो शेरनियां ट्रैक क्रॉस करते हुए अचानक ट्रेन आ जाने से टकरा गईं. गौरतलब है कि जंगल के पास से ही एक रेल ट्रैक गुजरती है. इसके चलते वन विभाग की टीम अक्‍सर यहां पर पेट्रोलिंग करती रहती है.

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डीएफओ अंशुमन शर्मा का कहना है कि हमने घटनास्थल का मुआयना कर लिया है. इस दिशा में भी जांच की है कि शेरनियों का झुंड किस ओर से आ रहा था. इस बारे में ट्रेन के ड्राइवर से भी पूछताछ की जाएगी. इसके अलावा इस दिशा में भी तत्काल कदम उठाएंगे, जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
पहले भी गई है शेरों की जान
हाल के दिनों में यह इस प्रकार की पहली बड़ी घटना है. करीब एक साल पहले एक शावक की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. डीएफओ ने बताया कि जहां यह दुर्घटना हुई, वह स्थान गिर वन से 35-40 किलोमीटर दूर है, लेकिन क्षेत्र में शेरों को नियमित रूप से देखा जा सकता है. करीब 15 साल पहले सासन वन क्षेत्र में कई शेरों की एक ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसके बाद ट्रेनों को धीमी गति से चलाने की सलाह दी गई थी. इसके बाद वहां ऐसी दुर्घटनाएं कम हो गईं थीं. पिछली गणना के अनुसार गिर वन में और उसके आसपास शेरों की संख्या 411 थी.

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