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पढ़ें: BJP के लिए कैसे भारी पड़ेगी हार्दिक से उद्धव की जुगलबंदी?

गुजरात में पाटीदारों के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के नेता हार्दिक पटेल को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी गुजरात विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा घोषित किया है. बीजेपी के खिलाफ यह शिवसेना का बड़ा कदम बताया जा रहा है क्योंकि शिवसेना और हार्दिक पटेल दोनों की बीजेपी से दुश्मनी चल रही है.

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हार्दिक पटेल से मिले शिवसेना प्रमुख
हार्दिक पटेल से मिले शिवसेना प्रमुख

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गुजरात में पाटीदारों के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के नेता हार्दिक पटेल को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी गुजरात विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा घोषित किया है. बीजेपी के खिलाफ यह शिवसेना का बड़ा कदम बताया जा रहा है क्योंकि हार्दिक पटेल बीजेपी को दुश्मन नंबर एक बताते हैं तो शिवसेना के रिश्ते भी पार्टी के साथ ठीक नहीं चल रहे हैं.

एक ओर महाराष्ट्र में होने वाले बीएमसी चुनाव और दूसरी ओर दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव, उससे ठीक पहले शिवसेना ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से दोस्ती कर ली है. उद्धव और हार्दिक की 'ये दोस्ती'  महाराष्ट्र और गुजरात में बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है.

1. शिवसेना ने बीएमसी चुनाव में बीजेपी से गठबंधन ना करने की घोषणा के साथ ही महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर अपना रखे हैं. मंगलवार को हार्दिक पटेल से मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस पर बताते हुए कहा कि सरकार शिवसेना के समर्थन से चल रही है.

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2. पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल आरक्षण की मांग के साथ ही बीजेपी का लगातार विरोध कर रहे हैं. हाल ही में हार्दिक की गुजरात में वापसी हुई है, उन्हें गुजरात हाई कोर्ट ने 6 महीनों के लिए राज्य से बाहर रहने का आदेश दिया था.

3. पाटीदार आंदोलन के चलते ही आनंदीबेन पटेल को गुजरात की सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनके बाद विजय रुपानी ने राज्य की कमान संभाली. हार्दिक पटेल ने साफ किया है कि अगर पाटीदारों को आरक्षण नहीं दिया गया, तो वे लड़कर अपना हक लेंगे.

4. बीते वर्ष गुजरात में दलितों पर हुए हमलों को देखते हुए कई दलित नेताओं ने भी हार्दिक पटेल का साथ दिया. ऐसे में शिवसेना के समर्थन से हार्दिक पटेल पाटीदारों और दलितों का साथ पाकर बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.

5. गुजरात पीएम मोदी और बीजेपी का गढ़ माना जाता है और अगर हार्दिक पटेल को भारी जनसमर्थन मिला, तो पार्टी के लिए राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखना एक चुनौती बन सकती है.

6. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक अतुल पटेल ने कहा है कि शिवसेना जैसे बड़े संगठन के सहयोग से आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार आंदोलन में तेजी आएगी.

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