ऊना के दलित युवाओं पर गौरक्षकों के जरिए किया गया हमला साजिश के तहत पूर्वनियोजित था, सीआईडी क्राइम ने इस मामले में 120बी यानी साजिश की धारा जोड़ते हुए मामले की जांच कर रही है. साथ ही दलित परिवार ने गांव के सरपंच प्रफुल्ल पर आपसी रंजिश के चलते मारने का आरोप लगाया है. ऊना के दलित युवाओं को गौरक्षकों के जरिए पीटे जाने का वायरल वीडियो को देखकर ये कहा जा सकता है कि गौ रक्षा के नाम युवक हिंसा पर उतर आए थे. लेकिन इस मामले में जांच में जुटी सीआईडी क्राइम की जांच में ये खुलासा हुआ है कि दलित युवाओं पर जिस तरह से गौरक्षकों के जरिए हमला किया गया, ये अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसे एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया.
सरपंच ने दलित परिवार को दी थी धमकी
दरअसल दलित परिवार के मुखिया बालु सरवैया ने सीआईडी क्राइम को दिए अपने बयान में कहा कि गांव के सरपंच प्रफुल्ल ने कुछ वक्त पहले उनका घर जिस जमीन पर बना हुआ है वो गैरकानूनी तरीके बनाने को लेकर नोटिस जारी किया था, जबकि गांव के दूसरे 25 परिवारों में से किसी को भी इस तरह का नोटिस जारी नहीं किया गया था. साथ ही सरपंच प्रफुल्ल ने कुछ दिनों पहले परिवार वालों को धमकी भी दी थी कि तुम्हारी मरी हुई गाय में जिंदा करूंगा. जिसका मतलब साफ था कि गाय को लेकर बहुत ही जल्द कोई मामला होने वाला है, क्योंकि परिवार मृत गाय का चमड़ा निकालने का काम करता है.
मारपीट के पीछे साजिश की बू
वहीं परिवार के इस बयान के आधार पर सीआईडी क्राइम ने इस पूरे मामले कि जांच शुरू की तो बेडिया गांव के नाजा आहिर के बयान से ये तो साफ हो गया कि गाय मरी हुई हालत में दलित परिवार ने ली थी, जबकि सुबह करीब 10 बजे के आसपास बालु सरवैया के दोनों बेटे और दो अन्य लोग इस गाय को लेने के लिए गए थे. जिस जगह पर ये लोगों गाय का चमड़ा निकाल रहे थे. वहीं पर अचनाक गौरक्षक पहुंच गए.
सीआईडी क्राइम के सूत्रों कि मानें तो खुद प्रफुल्ल भी गौरक्षकों के साथ उस जगह पर मौजूद था जहां ये लोग चमड़ा निकाल रहे थे, और प्रफुल्ल ने अपने मोबाइल कैमरे से उनकी पिटाई का वीडियो भी शूट किया था. जिसे फिलहाल फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल में भेज दिया गया है. वहीं गांव का सरपंच प्रफुल्ल फरार है. सीआईडी प्रफुल्ल के मोबाइल डेटा के आधार पर और कितने लोग इसमें सक्रिय है इसकी जांच में जुटी है.