गुजरात में आयुष्मान कार्ड के तहत नी-रिप्लेसमेंट करने को लेकर गुजरात सरकार के हेल्थ विभाग ने प्राइवेट हॉस्पिटल पर लगाम कसने की कोशिश की है. गुजरात सरकार के नियमों के मुताबिक अब आयुष्मान कार्ड के तहत 55 साल से कम आयु के मरीज को नी-रिप्लेसमेंट सिर्फ सरकारी हॉस्पिटल में ही कराना पड़ेगा.
गुजरात के प्राइवेट हॉस्पिटल 55 साल से कम आयु के मरीज का नी-रिप्लेसमेंट आयुष्मान योजना के तहत नहीं कर पाएंगे. गुजरात सरकार के हेल्थ विभाग की तरफ से कहा गया है कि 55 साल से कम आयु के लोगों को नी-रिप्लेसमेंट की अधिक जरूरत नहीं रहती. 55 साल से कम आयु के लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर नी-रिप्लेसमेंट के प्रोसेस का दुरुपयोग रोकने के लिए ये निर्णय लेना जरुरी था.
आयुष्मान योजना में 2,471 प्रोसीजर इंश्योरेंस हैं शामिल
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया है कि आयुष्मान योजना के तहत 2,471 प्रोसीजर इंश्योरेंस के तहत शामिल हैं. इसमें मरीजों को नी-रिप्लेसमेंट की सुविधा दी जाती है. प्राइवेट हॉस्पिटल 55 साल से कम आयु के मरीज का नी-रिप्लेसमेंट आयुष्मान योजना के तहत नहीं कर पाएंगे.
इस पर अहमदाबाद के जॉइंट नी-रिप्लेसमेंट सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर हरेश भालोडिया ने कहा कि सरकार का फैसला अच्छा है. आयु की मर्यादा 55 से 60 भी हो सकती थी. कई जगहों पर शिकायत मिलती थी कि नी-रिप्लेसमेंट के तहत आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग होता है. इसे इस फैसले से रोकना आसान होगा.
डॉक्टर हरेश भालोडिया ने कहा, अब तक नी-रिप्लेसमेंट प्राइवेट हॉस्पिटल में करने से पहले सिविल हॉस्पिटल के सुप्रीटेंडेंट का प्रमाणपत्र जरुरी रहता था. इसके बाद ही प्राइवेट हॉस्पिटल में नी-रिप्लेसमेंट किया जा सकता था. हालांकि, अब बदले नियमों की वजह से सरकारी हॉस्पिटल में तमाम सुविधा उपलब्ध होने के कारण मरीजों को लाभ मिलेगा.