वडोदरा की हरणी झील में नाव दुर्घटना के मामले में हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिया गया है. याचिका में राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस मामले में वडोदरा नगर निगम के 4 अधिकारी निलंबित किए गए हैं. केंद्र और राज्य सरकार के अलावा निगम भी मृतकों के परिजनों को मुआवजा देगा. इस घटना के बाद प्रदेश के 40 जल निकायों का सर्वेक्षण हुआ. 21 जलाशयों में बोटिंग बंद की गई. जिन जगहों पर अनुपालन हो रहा है वहां फिर से बोटिंग शुरू की गई.
सरकार सभी जल निकायों में नौकायन के अलावा मनोरंजन गतिविधियों के लिए सर्व-समावेशी नीति बनाएगी. मृतकों के परिजन को केंद्र सरकार ने 2 लाख और राज्य सरकार ने 4 लाख का मुआवजा दिया है. हरणी झील नाव हादसे के बाद सरकार एक्शन के मूड में है. नौकायन, साहसिक खेल, मनोरंजन पार्क, पर्यटन स्थलों पर हवाई रोपवे पर लोगों की जीवन सुरक्षा उपायों के लिए विशिष्ट नीति बनाई जाएगी.
लोगों की जीवन सुरक्षा के मानदंड निर्धारित करने के लिए 13 सदस्यीय समिति बनाई गई है. नगरीय विकास एवं शहरी आवास विभाग की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. अपर मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग की अध्यक्षता में कुल 13 सदस्यों की समिति बनाई गई है. समिति नौकायन सहित गतिविधियों के कानूनी ढांचे, प्रमाणन और प्रवर्तन के लिए एक विशिष्ट नीति तैयार करेगी.
समिति 3 मुद्दों पर कार्रवाई करेगी और 3 महीने में रिपोर्ट सौंपेगी. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में जानकारी दी है. दुर्घटना में 12 बच्चों समेत 14 लोगों की जान गई थी.