गुजरात के सावली से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक केतन भाई इनामदार ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा. केतन भाई इनामदार ने इस्तीफे के लिए रूपाणी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि हमारी बात इस सरकार में नहीं सुनी जाती.
केतन इनामदार ने अपने इस्तीफे में लिखा है, मेरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों की जो मांग थी, उसे सरकार और प्रशासन के सामने रखा था. मगर सरकार और बाबुओं के ढीले रवैये के कारण जनता के प्रतिनिधि के तौर पर विधायक के पद से अपना इस्तीफा देता हूं. सरकारी अधिकारी जन प्रतिनिधि का मान-सम्मान नहीं रखते हैं. केतन इनामदार के इस्तीफे से बीजेपी अब 103 सीट से 102 सीट पर आ गई है. अप्रैल में राज्यसभा चुनाव होना है और चुनाव से पहले इस इस्तीफे को बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
Gujarat BJP MLA Savli, Ketan Inamdar has tendered his resignation from his post, alleging that he is being neglected by party Ministers and top officials.
— ANI (@ANI) January 22, 2020
केतन भाई ने यह भी कहा है कि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया है, जबकि वे बीजेपी के कार्यकर्ता के तौर पर बने रहेंगे. वही कांग्रेस ने कहा है कि वो केतन भाई से संपर्क कर उन्हें कांग्रेस में लाने की कोशिश करेगी. गौरतलब है कि केतन इनामदार खुद निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जीते थे. बाद में बीजेपी जॉइन कर ली थी.
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव ने ट्वीट कर कहा कि गुजरात में बीजेपी सरकार से न सिर्फ गुजरात की जनता बल्कि उसके खुद के विधायक इस स्तर तक नाराज हैं कि सावली से विधायक केतन इनामदार ने अपना इस्तीफा दे दिया. सुशासन वाली बीजेपी सरकार जो अपने विधायकों की नहीं सुन रही है और उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है, वो जनता की परेशानी क्या हल करेगी?