बीजेपी ने गुजरात के मुख्य मंत्री को चुनाव में पीएम कैंडिडेट बनाकर एक दिलचस्प स्थिति खड़ी कर दी है. अगर वह जीत जाते हैं तो फिर गुजरात का मुख्य मंत्री कौन बनेगा? इसका जवाब है आनन्दीबेन पटेल.
एक अंग्रेजी अखबार ने यह कयास लगाया है. आनन्दीबेन पटेल इस समय गुजरात की राजस्व मंत्री हैं और वह मोदी की बहुत करीबी हैं लेकिन समस्या यह है कि उनकी मोदी के विश्वस्त सहयोगी अमित शाह से पटरी नहीं बैठती. ऐसे में मोदी को दोनों को महत्वपूर्ण जगह देना पड़ेगा.
सूत्रों का कहना है कि मोदी के दिल्ली जाने पर आनन्दीबेन को गुजरात सीएम की कुर्सी मिल सकती है और शाह को पीएमओ में मंत्री का पद मिल सकता है. मोदी तो उन्हें पार्टी की कमान सौंपने तक को तैयार हैं लेकिन वह बहुत जूनियर हैं. ऐसे में पीएमओ में मंत्री का पद उनके उपयुक्त रहेगा और वह मोदी के करीब भी रहेंगे.
समझा जाता है कि अगर मोदी दोनों सीट जीते तो वह वाराणसी की सीट रखे रहेंगे और वडोदरा की सीट छोड़ देंगे. शाह उनकी जगह वडोदरा से लड़ेंगे. शाह अभी अहमदाबाद से एमएलए हैं.
गुजरात के बिजली मंत्री सौरभ पटेल वडोदरा से एमएलए हैं और मोदी के चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में लिये हुए हैं. मोदी उनसे बहुत खुश हैं क्योंकि मंत्री के रूप में उनका काम काज बेहतरीन रहा है. ऐसी हालत में इनमें से एक को राज्य सभा के रास्ते संसद पहुंचाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अरुण जेटली अमृतसर लोक सभा सीट से जीत जाएं. सूत्रों का यह भी मानना है कि शाह तबतक दिल्ली में रहेंगे जब तक गुजरात में कोई मौका नहीं आ जाता है. वैसी हालत में वह वहां के सीएम की कुर्सी पा सकते हैं.
अब देखना है कि नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधान मंत्री बन पाते हैं या नहीं क्योंकि यह सारा गणित उनकी जीत पर ही निर्भर करता है.