सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका पर अहमदाबाद की अदालत अब 26 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. पहले इसके लिए 2 दिसंबर की तारीख तय की गई थी. मामला साल 2002 के गुजरात दंगों में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य को क्लीनचिट देने से जुड़ा है.
जकिया जाफरी की याचिका पर उनके वकीलों और एसआईटी के वकील की जिरह मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बीजे गणात्रा के सामने पांच महीने तक चली, जिसके बाद जाफरी के वकील ने 18 सितम्बर को अदालत को लिखित हलफनामा दिया. एसआईटी ने 30 सितम्बर को लिखित हलफनामा दिया. पहले मजिस्ट्रेट 28 अक्टूबर को फैसला सुनाने वाले थे, पर बाद में इसके लिए 2 दिसंबर की तारीख रखी गई.
क्या है पूरा मामला...
गौरतलब है कि जकिया जाफरी के पति और पूर्व सांसद एहसान जाफरी 2002 के दंगे में गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में मारे गए 69 लोगों में शामिल थे. जाफरी ने याचिका दायर कर एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी. क्लोजर रिपोर्ट में मोदी को किसी भी तरह के षड्यंत्र में शामिल होने से बरी कर दिया गया था.
जाफरी की शिकायत पर जांच पूरी करने के बाद एसआईटी ने 8 फरवरी, 2012 को जांच रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें कहा था कि 8 वर्ष बीत जाने के कारण सबूत जुटाने में परेशानी के बावजूद, जो भी साक्ष्य जुटाए जा सके, उनसे यह साबित नहीं हो सका कि 2002 के दंगों के षड्यंत्र के आरोप जिन लोगों पर लगाए गए थे, वे इनमें शामिल थे.