गुजरात सरकार द्वारा फिक्स्ड सैलरी के कर्मचारियों का वेतन 30% बढ़ाने का फैसला लिया गया था, लेकिन गुजरात यूनिवर्सिटी सहित सरकारी यूनिवर्सिटी में जो विद्या सहायक थे, उन्हें इस योजना के तहत वेतन की बढ़ोतरी नहीं दी गई. इससे नाराज विद्या सहायक अपनी-अपनी यूनिवर्सिटीज़ में पहुंचकर कुलपति को आवेदन पत्र दे रहे हैं.