गुजरात में भी हालात वैसे के वैसे ही हैं, गुजरात के कई शहरों में रामनवमी के दिन जबरदस्त बवाल हुआ, पत्थरबाजी के साथ साथ सांप्रदायिक हिंसा को हवा देने की कोशिश की गई, हालांकि गुजरात सरकार की ओर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, मगर दूसरी ओर हिंसा के शिकार लोग पलायन करने की बात कह रहे हैं. यहां भी वही सवाल है कि सांप्रदायिकता की आग कब बुझेगी. ऐसी कौन सी नफरत है जो अपनों पर पत्थर चलाने की हिम्मत देती है. ऐसा कौन सा फितूर है कि जो इंसान को इंसान का दुश्मन बना देता है. गुजरात के तीन शहर हिम्मत नगर, आणंद और खंभात हिंसा की आग में झुलसे. जमकर पत्थर चले, आगजनी हुई, खौफ में रात कटी, तो सुबह पलायन के लिए घरों के दरवाजे खुले.
There was a tremendous uproar in many cities of Gujarat on the day of Ram Navami. Action is being taken against the culprits by the Gujarat government, but on the other hand, the victims of violence are talking about fleeing. When will the fire of communalism be extinguished?