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गुरुग्राम:10 लाख रुपये के लिए पीजी ऑपरेटर की हत्या, दो महिला समेत तीन गिरफ्तार

हरियाणा के गुरुग्राम में 10 लाख रुपये के विवाद को लेकर पीजी ऑपरेटर की हत्या कर दी गई. पुलिस ने कत्ल की इस वारदात में 2 महिलाओं समेत कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने पैसे लेकर खर्च कर दिए और वापस न करना पड़े इसलिए पीजी ऑपरेटर की हत्या कर दी.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

हरियाणा के रेवाड़ी में एक पीजी ऑपरेटर की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं. 10 लाख रुपये के कर्ज को लेकर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया गया था.

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पुलिस के अनुसार, आरोपी सुषमा (42),मानेसर के आईएमटी सेक्टर, अनिल (37), चरखी दादरी और सीमा, दुंदाहेड़ा गांव की निवासी है. हत्या के इस मामले में सुषमा और अनिल को शनिवार को गिरफ्तार किया गया, जबकि सीमा को रविवार को पकड़ा गया.

यह मामला तब सामने आया जब 23 नवंबर को शिकोहपुर गांव के निवासी राजेंद्र (52) के बेटे ने अपने पिता के लापता होने की शिकायत मानेसर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई. शिकायत में बताया गया कि राजेंद्र 22 नवंबर को अपने पीजी (पेइंग गेस्ट) के लिए घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे. खोजबीन के दौरान उनकी कार आईएमटी चौक के पास सर्विस लेन में लावारिस हालत में बंद पड़ी मिली.

जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि राजेंद्र ने सुषमा को एक 'कमेटी' (पैसे जमा करने की स्कीम) में निवेश के लिए 10 लाख रुपये दिए थे. सुषमा ने यह रकम गलत जगह खर्च कर दी और उसके पास लौटाने के लिए पैसे नहीं थे. जब राजेंद्र ने पैसे मांगे, तो सुषमा ने उन्हें सीमा के पास होने का बहाना बनाया.

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22 नवंबर को सुषमा ने राजेंद्र को अपने घर बुलाया और नशीली चाय पिलाकर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद सुषमा और अनिल ने शव को अनिल की कार में डालकर रेवाड़ी-नारनौल हाईवे पर फेंक दिया.

पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई हुंडई वर्ना कार, राजेंद्र की सोने की चेन और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं. आरोपियों ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए राजेंद्र के मुंह में सल्फास की गोलियां रख दी थीं. मामले की जांच जारी है.

 

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