देश में जहां महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने की मुहिम चलाई जा रही है वहीं हरियाणा के रेवाड़ी जिले में बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया है. इसका खुलासा हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा कराए गए एक सर्वे में हुआ है. इस सर्वे में खुलासा हआ है कि लड़कियां ना तो घरों में सुरक्षित हैं ना ही स्कूलों में.
सर्वे शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त किए गए 60 शिक्षकों द्वारा किया गया है. इन महिला शिक्षकों ने 30 हजार लड़कियों से बातचीत के आधार पर यह सर्वे तैयार किया है.
दरअसल, हाल ही में इस जिले की 400 लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया. उन्होंने इसकी वजह यौन शोषण को बताया. इसके बाद हरियाणा सरकार ने एक सर्वे कराया, जिसमें 80 फीसदी बच्चियों के साथ शारीरिक दुराचार की बात सामने आई. हरियाणा सरकार द्वारा कराए गए इस सर्वे में लड़कियों की उम्र 10-12 साल के बीच है. इस सर्वे के दौरान करीब एक हजार लड़कियों ने बताया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है, जिसमें उनके प्राइवेट पार्ट्स तक को छूना शामिल है. इसमें उनके संबंधी, पड़ोसी और स्कूल शिक्षक भी शामिल रहे हैं.
गौरतलब है कि राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री गीता भुक्कल के पास ही सूबे का शिक्षा महकमा भी है. अब ऐसे में उनके ही विभाग का ये सर्वे उनकी आंखें खोल पाएगा या राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा, यह देखना होगा.
हरियाणा में महिलाओं की बदहाल स्थिति की सच्चाई आंकड़ों में भी बार बार झलकती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक इस राज्य का लिंग अनुपात 861 है. यह देश में सबसे कम है. देश में 1000 पुरुष पर 933 महिलाएं हैं.
अगर रेवाड़ी जिले की बात करें तो यहां स्थिति बाकी राज्य के मुकाबले कुछ बेहतर है. रेवाड़ी में लिंग अनुपात 898 है.