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हरियाणा: राज्यसभा चुनाव में कार्तिकेय शर्मा की जीत को अजय माकन ने HC में दी चुनौती, निर्वाचन रद्द करने की मांग

कांग्रेस नेता अयज माकन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में कार्तिकेय शर्मा को दिए गए एक अवैध वोट को वैध मान लिया गया, जिससे उनके और कार्तिकेय के वोट बराबर हो गए. इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण लाल को मिले अतिरिक्त वोट का लाभ निर्दलीय प्रत्याशी को मिलने के कारण वह हार गए.

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अजय माकन की याचिका HC के रजिस्ट्रार ने जांच के लिए स्वीकार की (फाइल फोटो)
अजय माकन की याचिका HC के रजिस्ट्रार ने जांच के लिए स्वीकार की (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरियाणा राज्यसभा की 2 सीटों पर थे 3 उम्मीदवार
  • कार्तिकेय शर्मा और अजय माकन के बीच थी टक्कर

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा में हुए राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत को चुनौती दे दी. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी को दिए एक वोट को अवैध करार देने और उनके निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है. 

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उन्होंने याचिका दाखिल कर कहा कि राज्यसभा चुनाव में विधानसभा के सदस्य केवल एक बार ही मतदान कर सकते हैं. अगर चुनाव मैदान में दो उम्मीदवार हैं तो एक सदस्य केवल एक को वोट दे सकता है, ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी को दिया गया एक वोट अवैध था लेकिन इसे वैध मान लिया गया. राज्यसभा चुनाव में अजय माकन को 29 वोट मिले, जबकि शर्मा को 29.6 वोट मिले थे. 

गलत तरीके से मार्क किया गया मतपत्र

अजय माकन के वरिष्ठ अधिवक्ता के सी मित्तल ने इंडिया टुडे को बताया, "हमने आपत्ति की थी कि एक वोट जो निर्दलीय को दिया गया था उसे रद्द कर दिया जाना चाहिए, लेकिन हमारा वोट रद्द कर दिया गया और उनका खारिज वोट स्वीकार कर लिया गया. हमने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है."

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के सी मित्तल ने कहा, "एक मतपत्र को बाईं ओर गलत तरीके से मार्क किया गया था. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार यह दाईं ओर से होना चाहिए था. वोट डालते समय कोई गोपनीयता नहीं रखी गई थी इसलिए वोट अमान्य होना चाहिए. याचिका में उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को भी चुनौती दी है क्योंकि उन्होंने इस वोट को कार्तिकेय के पक्ष में गिना है.

याचिका की जांच करेंगे रजिस्ट्रार

अयज माकन की याचिका को जांच के लिए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने स्वीकार कर लिया है. दरअसल नियम के मुताबिक चुनाव याचिकाओं की पहले रजिस्ट्रार जांच करते हैं फिर हाई कोर्ट की नियमित पीठ के सामने विचार के लिए पेश किया जाता है.

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