महिला कोच के साथ छेड़छाड़ के संगीन आरोप लगने के बाद हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह बुरी तरह घिर गए हैं. मंत्री रहते जिन संदीप सिंह का राज्य में दबदबा था, अब उनके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है. वे खेल मंत्री का पद सीएम मनोहर लाल खट्टर को सौंप चुके हैं. पुलिस केस की जांच कर रही है. पीड़िता का दावा है कि कई खिलाड़ियों के साथ भी छेड़छाड़ की गई है. इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि मामले में और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं.
पीड़िता ने मंत्री पर गोपनीयता भंग करने का आरोप भी लगाया है. दावे के मुताबिक मंत्री ने पीड़िता सहित 4 कोच की गोपनीय नियुक्ति 13 मई को ही लीक कर दी, जबकि इसे 4 महीने बाद सितंबर 2022 में जारी किया गया. मंत्री के खिलाफ जिस धारा के तहत केस दर्ज किया गया है, वह गैर जमानती है. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी को लेकर कयास भी बढ़ते जा रहे हैं.
हरियाणा खेल विभाग में जूनियर लेवल कोच पीड़िता ने चंडीगढ़ के एसपी को दी शिकायत में दावा किया है कि मंत्री संदीप सिंह 11 महीने से सोशल मीडिया पर उसकी एक्टिविटीज पर नजर रख रहे थे. पीड़िता का दावा है कि सोशल मीडिया पर बातचीत इस साल फरवरी में शुरू हुई थी. मंत्री ने पीड़िता को 1 जुलाई 2022 को स्नैपचैट पर कॉल किया और दस्तावेज सत्यापन के लिए अपने आवास पर आने को कहा.
दावे के मुताबिक मंत्री के आदेश पर महिला कोच चंडीगढ़ के सेक्टर 7 में स्थित उनके आधिकारिक आवास पर उनसे मिलने पहुंची. दोवे के अनुसार यहां मंत्री ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की. विरोध करने पर मंत्री ने उसकी टी-शर्ट फाड़ दी गई. दरवाजे की कुंडी न लगी होने के चलते वह भागने में सफल रही. पीड़िता का कहना है कि मंत्री ने उसे गलत तरह से छुआ. उन्होंने पीड़िता से कहा कि वह उनका सेक्सुअल फेवर करती है तो वह उसका इंस्टाग्राम अकाउंट वैरिफाइड करने में मदद करेंगे.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि मंत्री ने उससे कहा था कि दूसरी महिला खिलाड़ियों ने उन्हें कभी न नहीं कहा. आरोप के मुताबिक मंत्री कथित तौर पर पीड़िता से चैट करने के लिए वैनिश मोड का इस्तेमाल कर रहे थे. चैट खत्म होने के बाद दोनों के बीच हुए मैसेज गायब हो गए. पीड़िता ने आजतक से बात करते हुए स्पष्ट दावा किया था कि उसने सीएमओ, डीजीपी और गृह मंत्री के संज्ञान में भी केस लाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
शिकायतकर्ता के मुताबिक अभय चौटाला एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष थे, इसलिए उन्होंने उनके सामने इस मुद्दे को उठाया था. पीड़िता के मुताबिक हरियाणा पुलिस और सीएमओ के अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे थे और घटना को भूल जाने को कहा था. इस बीच सीएम एमएल खट्टर ने डीजीपी और सीआईडी अधिकारियों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है.