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नोटबंदी: बैंक मैनेजर 3 दिन से गए नहीं थे घर, दिल की धड़कन थमने से ब्रांच में ही मौत

शुगर मिल कॉलोनी स्थित इस ब्रांच के मैनेजर राजेश कुमार काम की अधिकता की वजह से तीन दिन से घर नहीं गए थे. मूल रूप से हसनगढ़ निवासी 57 वर्षीय राजेश देर रात तक बैंक का काम निपटा कर ब्रांच में ही सो रहे थे.

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सहकारी बैंक के मैनेजर की मौत
सहकारी बैंक के मैनेजर की मौत

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नोटबंदी की वजह से हर कोई लंबी कतारों की वजह से लोगों को होने वाली परेशानी की बात कर रहा है. लेकिन साथ ही उन बैंककर्मियों का हाल भी लिया जाना चाहिए जो इन दिनों पूरे जी-जान से अपनी ड्यूटी को अंजाम देने में लगे हैं. बैंककर्मी भी आखिर इनसान हैं. बिना ब्रेक लगातार काम के तनाव का उन पर भी असर होता है.

रोहतक से एक दुखद खबर आई है कि वहां एक बैंक मैनेजर की ब्रांच में ही बुधवार को मौत हो गई. सहकारी बैंक की शुगर मिल कॉलोनी स्थित  ब्रांच के मैनेजर राजेश कुमार काम की अधिकता की वजह से तीन दिन से घर नहीं गए थे. मूल रूप से हसनगढ़ निवासी 57 वर्षीय राजेश देर रात तक बैंक का काम निपटा कर ब्रांच में ही सो रहे थे. लेकिन बुधवार सुबह वो उठ नहीं सके. ब्रांच को सुबह जल्दी खोलने के निर्देश हैं. इसलिए कंप्यूटर ऑपरेटर हितेष और चाय विक्रेता सुनील बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे ब्रांच पहुंचे. उन्होंने मैनेजर राजेश का कमरा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

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इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस के आने के बाद जब दरवाजा तोड़ा गया तो राजेश को मृत पाया गया. उनके शोक में पूरे दिन काम नहीं हुआ. ब्रांच के स्टाफ ने बताया कि राजेश दिल के मरीज थे और उसकी दवा लेते थे. उनका परिवार गुड़गांव में रहता है. राजेश के दो बेटियां और एक बेटा है. पुलिस के मुताबिक राजेश की मौत हृदय गति रुकने से हुई.

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